जजर्र हॉस्टल में मेडिकल की पढ़ाई

रांची: रिम्स के मेडिकल स्टूडेंट एवं जूनियर डॉक्टर जिस हॉस्टल में रहते हैं, वह पूरी तरह असुरक्षित है. जरा सी बारिश होने पर कमरा, गैलरी और बाथरूम से पानी टपकता है. हॉस्टल परिसर की छत इतनी कमजोर हो चुकी है कि ऊपरी भाग का प्लास्टर टूट कर गिरता रहता है. मंगलवार को हॉस्टल नंबर एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2013 7:08 AM

रांची: रिम्स के मेडिकल स्टूडेंट एवं जूनियर डॉक्टर जिस हॉस्टल में रहते हैं, वह पूरी तरह असुरक्षित है. जरा सी बारिश होने पर कमरा, गैलरी और बाथरूम से पानी टपकता है. हॉस्टल परिसर की छत इतनी कमजोर हो चुकी है कि ऊपरी भाग का प्लास्टर टूट कर गिरता रहता है. मंगलवार को हॉस्टल नंबर एक के परिसर की छत गिर गयी थी. गनीमत है कि हादसा नहीं हुआ.

पीजी हॉस्टल, हॉस्टल संख्या छह एवं हॉस्टल एक की स्थिति ज्यादा खराब है. प्रबंधन की ओर से कोई अधिकारी वस्तुस्थिति को देखने तक हॉस्टल नहीं जाता है. प्रभात खबर टीम ने रिम्स के सभी हॉस्टलों का जायजा लिया.

रिम्स
के हॉस्टल नंबर चार में जूनियर डॉक्टर रहते हैं. इसे पीजी हॉस्टल कहा जाता है. हॉस्टल में जूनियर डॉक्टर अपने परिवार के साथ रहते हैं. हॉस्टल की स्थिति इतनी खराब है कि वहां रहना मुश्किल है. हॉस्टल की गैलरी में सीपेज के कारण पानी टपकता है. हॉस्टल में कॉमन रूम का दरवाजा टूटा हुआ है. हॉस्टल के मेस में बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. मेस के किचन की स्थिति भी ठीक नहीं है.

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