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जनता की लड़ाई लड़ेंगे, सरकार से दूर रहेंगे : बाबूलाल मरांडी

भाजपा के साथ नहीं होगा विलय, बनाया आंदोलन का कार्यक्रम रांची : झाविमो सरकार से दूर रहेगा. पार्टी ने भाजपा के साथ विलय का प्रस्ताव भी खारिज कर दिया है. पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कार्यसमिति में पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि मेरे पास प्रस्ताव आया था कि पार्टी का विलय कर दो. लेकिन मैं […]

भाजपा के साथ नहीं होगा विलय, बनाया आंदोलन का कार्यक्रम
रांची : झाविमो सरकार से दूर रहेगा. पार्टी ने भाजपा के साथ विलय का प्रस्ताव भी खारिज कर दिया है. पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कार्यसमिति में पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि मेरे पास प्रस्ताव आया था कि पार्टी का विलय कर दो. लेकिन मैं तैयार नहीं हूं.
उन्होंने यह भी साफ किया कि परिवर्तन की लड़ाई सत्ता से दूर रह कर भी की जा सकती है. हम सत्ता से दूर रह कर आम लोगों के न्याय की लड़ाई लड़ेंगे. जनता ने हमें सरकार को सचेत करने का जनादेश दिया है.
श्री मरांडी ने कार्यसमिति की बैठक में कहा कि मैदान बिल्कुल खाली है. बाकी लोग किसी ना किसी रूप में सत्ता में रहे. झामुमो और भाजपा ने मिल कर सरकार चलायी है. इनसे विधानसभा और सड़क में संघर्ष की उम्मीद नहीं है. दूसरी पार्टियों से आंदोलन की उम्मीद नहीं है. असली लड़ाई झाविमो ही लड़ेगा.
सरकार लोगों को निराश कर सकती है, लेकिन हम निराश नहीं करेंगे. श्री मरांडी ने कहा कि हमने कभी छुप कर निर्णय नहीं लिया. पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को हम पर विश्वास करना चाहिए. अखबार-मीडिया की ओर मत देखिए. टूटे मन से, आधे मन से लड़ाई नहीं लड़ सकते.
श्री मरांडी ने कहा कि 2014 से पहले जिस तरह सरकार बनती रही है, वर्तमान सरकार भी उसी तरह बनी है. बहुत परिवर्तन नहीं दिख रहा है. केवल कुरसी पर बैठा आदमी बदल गया है. बैठक में विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, विधायक रणधीर सिंह, अमर बाउरी, गणोश गंझू , नवीन जायसवाल, जानकी यादव और कई पदाधिकारी पहुंचे थे.
बैठक में नहीं आये प्रवीण सिंह
कहा, झाविमो को अब संगठन की आवश्यकता नहीं
रांची : झाविमो के महासचिव प्रवीण सिंह कार्यसमिति की बैठक में नहीं गये. वह पार्टी से नाराज चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि झाविमो को अब संगठन की आवश्यकता नहीं है. ऐसी परिस्थिति में पार्टी की बैठक में जाने का औचित्य नहीं है.
श्री सिंह ने कहा कि वह झाविमो में बाबूलाल मरांडी के साथ मित्रता और सहयोगी के रूप में आये थे. संगठन बनाने के लिए दिन-रात काम किया. लेकिन अब झाविमो में काम करते हुए स्वाभिमान को ठेस लग रहा है. बाबूलाल के प्रति स्नेह बना रहेगा. जब कभी भी व्यक्तिगत सहयोग मांगेंगे, मैं साथ रहूंगा. लेकिन पार्टी में वर्तमान परिस्थिति में काम करना मुश्किल है. दूसरी पार्टियों की तरह झाविमो का भी चरित्र हो गया है. पार्टी में पारदर्शिता का अभाव है. पाखंड और नाटक करने में कुछ लोग लगे हैं.
23 को राज्यव्यापी धरना, कमेटी का होगा पुनर्गठन
कार्यसमिति में पार्टी ने चार मुद्दों पर प्रस्ताव परित किया. 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर पार्टी राज्य भर के जिला मुख्यालय पर धरना देगी. झाविमो भूमि अधिग्रहण अध्यादेश, स्थानीयता नीति को लागू किये बिना बहाली प्रारंभ करने और तीन सप्ताह गुजर जाने के बाद भी धान क्रय केंद्र ना खोले जाने को मुद्दा बनायेगा.
पार्टी महासचिव प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार आदिवासी, दलित, किसानों के प्रति उदासीनता दिखा रही है. जमीन अधिग्रहण कर आदिवासियों को उजाड़ने की साजिश हो रही है. राज्य के नौजवानों को छलने का काम किया जा रहा है. सरकार तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी झारखंड के लोगों के लिए आरक्षित करे. इधर कार्यसमिति की बैठक में पार्टी ने प्रदेश से लेकर प्रखंड तक कमेटी के पुनर्गठन करने का निर्णय लिया है. सदस्यता अभियान चलाने का फैसला किया गया. सांगठनिक कार्यक्रम बाद में तय किये जायेंगे.

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