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कमाई के चक्कर में रोकी सॉफ्टवेयर की खरीदारी!
नक्शा पास करने का सॉफ्टवेयर लगने से आती पारदर्शिता रांची : रांची नगर निगम में नक्शा पास करने के नाम पर पैसों का खेल चलता रहे, इसके लिए कई तरह की साजिश रची गयी. निगम में नयी तकनीक को आने से भी रोका गया. वर्ष 2013 में निगम में नक्शों की जांच के लिए आधुनिक […]
नक्शा पास करने का सॉफ्टवेयर लगने से आती पारदर्शिता
रांची : रांची नगर निगम में नक्शा पास करने के नाम पर पैसों का खेल चलता रहे, इसके लिए कई तरह की साजिश रची गयी. निगम में नयी तकनीक को आने से भी रोका गया. वर्ष 2013 में निगम में नक्शों की जांच के लिए आधुनिक सॉफ्टवेयर लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई.
इसके उपयोग से नक्शों के निष्पादन में पारदर्शिता आती. नक्शे को पास और रिजेक्ट करने की प्रक्रिया कुछ ही मिनट में पूरी हो जाती. तय मापदंड के बाहर के नक्शे पास नहीं होते. लेकिन निगम के कुछ अधिकारियों ने पैसों का खेल बिगड़ने की अंदेशा से इन तकनीक को आने से रोक दिया.
पार्षदों ने भी बैठक में दी थी मंजूरी : वर्ष 2013 में नगर निगम के तत्कालीन सीइओ दीपंकर पंडा ने सॉफ्टवेयर खरीदने का प्रस्ताव दिया. निगम बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसके बाद निगम ने टेंडर निकाला. टेंडर में पुणो की कंपनी सॉफ्टटेक सॉल्यूशन एल वन आयी.
उसने अपना प्रेजेंटेशन भी दिया. प्रेजेंटेशन से संतुष्ट होकर तत्कालीन सीइओ ने कंपनी को नवंबर 2013 में एलओए (लेटर ऑफ अवार्ड) जारी कर दिया. संयोग से इसके कुछ ही दिन बाद दीपंकर पंडा का स्थानांतरण हो गया. मनोज कुमार को निगम का नया सीइओ बनाया गया. पर मनोज कुमार के कार्यकाल में कंपनी को वर्क ऑर्डर जारी ही नहीं किया गया. इस तरह सॉफ्टवेयर खरीदने की योजना अधर में लटक गयी.
ऑनलाइन होता काम : कंपनी ने अपने प्रेजेंटेशन के दौरान निगम के अभियंताओं और टाउन प्लानरों को बताया था कि इस सॉफ्टवेयर में नक्शा डालने के साथ ही यह पता चल जाता कि यह पास होने योग्य है या नहीं.
अगर नक्शे में कोई गड़बड़ी रहती, तो यह सॉफ्टवेयर मात्र पांच मिनट में ही यह बता देगा कि इसमें कहां सुधार की जरूरत है. इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन ही अपने नक्शे को जमा कर सकता था. नक्शा जमा करने के बाद इसका मूवमेंट भी लोग जान सकते थे.
कोट
देश के 50 से अधिक बड़े महानगरपालिका व नगर निगम में हमारे सॉफ्टवेयर से नक्शों का निबटारा हो रहा है. हाल ही में हमें गोवा व मध्यप्रदेश के भी 15 से अधिक नगर निकायों से ऑर्डर प्राप्त हुए हैं.
पर रांची नगर निगम के अधिकारियों का कहना था कि हमारा सॉफ्टवेयर किसी काम का नहीं है. मैं आज तक यह समझ नहीं पाया कि पूरे देश में हमारे सॉफ्टवेयर की मांग बढ़ी है, तो रांची नगर निगम में ऐसा क्यों नहीं.
– शुभोजीत भट्टाचार्य, सॉफ्टटेक सॉल्यूशन पुणो
टाउन प्लानर गये चार दिनों की छुट्टी पर
नक्शा पास करने के मामले में स्टिंग में फंसे टाउन प्लानर घनश्याम अग्रवाल ने चार दिनों की छुट्टी ली है. निगम के डिप्टी सीइओ को दिये आवेदन में उन्होंने लिखा है कि पिछले कुछ दिनों से उन्हें नींद नहीं आ रही है. बेचैनी महसूस हो रही है. डॉक्टरों ने आराम करने की सलाह दी है.
क्या कहते हैं मंत्री सही समय पर होगी कार्रवाई
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा है कि नगर निगम में पिछले दिनों हुई गड़बड़ी की सूचना मिली है. इस पर उनकी नजर है. जल्द ही नये सीइओ का पदस्थापन किया जायेगा. इसके बाद गड़बड़ी पर भी कार्रवाई होगी. सही वक्त का इंतजार किया जा रहा है.
देश के 50 नगर निगम में काम कर रहा है सॉफ्टवेयर
– चेन्नई नगर निगम, मुंबई महानगर पालिका, ठाणो नगर निगम, जयपुर नगर निगम, कोयंबटूर नगर निगम के अलावा हरियाणा, मध्यप्रदेश व गोवा के के निगमों में इसे लगाया गया है
– इस सॉफ्टवेयर को 2013 में केंद्र की यूपीए सरकार ने भी सबसे उत्तम माना था
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