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प्रमाण पत्र की गलती सुधारने में अब नहीं लगेगा शुल्क

रांची: रांची विवि सिंडिकेट ने प्रमाण पत्र, अंक पत्र, रजिस्ट्रेशन स्लिप में आयी त्रुटि में सुधार के लिए अब विद्यार्थियों से 200 रुपये शुल्क नहीं लेने का फैसला लिया है. विद्यार्थी की ओर से नियमानुसार आवेदन देने पर त्रुटि में सुधार कर लिया जायेगा. वहीं वेतन के नियमित भुगतान के लिए कॉरपस फंड के निर्माण […]

रांची: रांची विवि सिंडिकेट ने प्रमाण पत्र, अंक पत्र, रजिस्ट्रेशन स्लिप में आयी त्रुटि में सुधार के लिए अब विद्यार्थियों से 200 रुपये शुल्क नहीं लेने का फैसला लिया है. विद्यार्थी की ओर से नियमानुसार आवेदन देने पर त्रुटि में सुधार कर लिया जायेगा. वहीं वेतन के नियमित भुगतान के लिए कॉरपस फंड के निर्माण पर सिंडिकेट सदस्य के विरोध के बाद इस पर रोक लगा दी गयी.

कुलपति डॉ एलएन भगत की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित सिंडिकेट की बैठक में वित्तीय वर्ष 2015-16 के प्रस्तावित बजट की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी, जबकि अनुबंध पर रखे गये सेवानिवृत्त कर्मचारी के मानदेय में आवश्यक सुधार करते हुए अगली बैठक में प्रस्ताव रखने का निर्देश दिया गया.

बैठक में रांची कॉलेज के कर्मचारी राकेश कुमार के एक वर्ष आठ माह 16 दिनों के अवकाश को अवैतनिक अवकाश में स्वीकृत किया गया. गोस्सनर महाविद्यालय के डॉ ज्योति प्रकाश मिंज की नियुक्ति को स्वीकृति दी गयी. विवि अधिवक्ता राजीव सिंह के फीस की घटनोत्तर स्वीकृति दी गयी. जेपीएससी से प्रोन्नति के लिए प्राप्त अनुशंसा के आलोक में बैठक में उसकी घटनोत्तर स्वीकृति दी गयी. इसके अलावा अधिवक्ता अमित कुमार सिन्हा को 52 हजार 850 रुपये भुगतान करने की घटनोत्तर स्वीकृति दी गयी. जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा विभाग के 51 शिक्षकों के नये वेतनमान के तहत समंजन के लिए संशोधित परिनियम की स्वीकृति प्रदान कर इसे राज्य सरकार के पास भेजने की स्वीकृति दी गयी. 29 वें दीक्षांत समारोह के लिए 23 लाख रुपये की स्वीकृति दी गयी.
डॉ अनिता सिन्हा की प्रोन्नति सहित रांची वीमेंस कॉलेज की शिक्षिका डॉ गीता रानी दास को एक वर्ष के लिए अवैतनिक अवकाश की स्वीकृति दी गयी. जेएन कॉलेज धुर्वा के प्राध्यापक व वर्तमान में झारखंड विधान सभा के अध्यक्ष प्रो दिनेश उरांव को पांच वर्ष के लियेन की स्वीकृति प्रदान की है. बैठक में केओ कॉलेज में चिंतामणि शाहदेव द्वारा 58 एकड़ जमीन दान दिये जाने के कारण उनकी पुत्री द्वारा चिंतामणि शाहदेव की प्रतिमा स्थापित करने के आग्रह को सिंडिकेट ने स्वीकार कर लिया.
पीजी आर्ट्स ब्लॉक सी में परीक्षा कोष से 40 हजार बतौर ऋण लेकर बोरिंग कराने व मोटर पंप लगाने की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी. बिहार राज्य विवि (अंगीभूत कॉलेज) सेवा आयोग पटना द्वारा विभिन्न विषयों के शिक्षकों के आठ वर्षीय मेधा प्रोन्नति योजना की घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान कर दी गयी. डॉ भारती सिंह की नियुक्ति, एसपी पांडेय की प्रोन्नति व मुख्यालय के कर्मियों की प्रोन्नति की घटनोत्तर स्वीकृति दी गयी. वयस्क सतत शिक्षा व प्रसार विभाग में कार्यरत परियोजना पदाधिकारी रेणु सिंह की सेवानिवृत्ति अब 65 वर्ष में करने की स्वीकृति दे दी गयी. जबकि संजय गांधी मेमोरियल कॉलेज की स्वर्णप्रभा, अनुराधा साहू व सरिता साहू की सेवा संपुष्ट कर दी गयी. अल्पसंख्यक महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षक व कर्मचारियों को पेंशन, ग्रेच्युटी की सुविधा प्रदान करने संबंधित संशोधित परिनियम को स्वीकृति दी गयी. पीजी हिंदी व इतिहास विभाग को विवि द्वारा पूर्व के आदेश को बरकरार रखते हुए समान रूम आवंटित करने का निर्णय लिया गया.
बैठक से पूर्व सिंडिकेट सदस्य व वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष बने प्रो दिनेश उरांव का स्वागत किया गया. बैठक में प्रतिकुलपति डॉ एम रजिउद्दीन, सरफराज अहमद, रूपलक्ष्मी मुंडा, रामचंद्र नायक, पवन साहू, डॉ मंजु सिन्हा, डॉ अमर कुमार चौधरी, डॉ एससी गुप्ता, डॉ दिवाकर मिंज, डॉ रंजीत सिंह आदि उपस्थित थे.
मानदेय बढ़ोतरी रोकी, विकास राशि स्वीकृत
रांची विवि सिंडिकेट ने मंगलवार को 16 दिसंबर 2015 को आयोजित वित्त समिति की अनुशंसा में कई प्रस्ताव को स्थगित कर दिया. इसके तहत अनुबंध पर रखे कंप्यूटर ऑपरेटर का मानदेय 12 हजार रुपये से बढ़ा कर 14 हजार 700 रुपये, पलंबर को 4800 रुपये से बढ़ा कर 6400 रुपये व अन्य कर्मचारियों को 5278 रुपये मानदेय किये जाने के प्रस्ताव को नहीं माना गया. वहीं 143 करोड़ रुपये के विकास कार्य के लिए अनुशंसित प्रस्ताव को स्वीकृत कर दिया गया. इसमें विवि परिसर में सड़क निर्माण, केंद्रीय पुस्तकालय शहीद स्मृति भवन, आर्यभट्ट सभागार, बहुउद्देश्यीय परीक्षा भवन आदि के जीर्णोद्धार व मेंटेनेंस के लिए राशि शामिल हैं.
689 करोड़ के बजट को स्वीकृति दी गयी
रांची विवि सिंडिकेट ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए 689 करोड़ रुपये के बजट की स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसके तहत गैर योजना मद में (वेतन, पेंशन व एरियर) के लिए 280 करोड़ रुपये व योजना मद (विकास के लिए) 265 करोड़ रुपये शामिल हैं. इसके अलावा 144 करोड़ रुपये कंटीजेंसी व पुराने एरियर के लिए शामिल किये गये हैं.
खाते में जमा होगी राशि
बैठक में निर्णय लिया गया कि यूजीसी द्वारा विवि को मिल रही विकास राशि बचत खाता में जमा होगी. रिसर्च राशि चालू खाता में जमा की जायेगी. यूजीसी के निर्देशानुसार बचत खाता में मिले ब्याज को भी अनुदान राशि माना जायेगा. जबकि राज्य सरकार से मिली विकास राशि को भी यूजीसी के नियमानुसार बचत खाता में रखने के लिए सरकार को आग्रह पत्र भेजने का निर्णय लिया गया.

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