रांची. राज्य के प्राथमिक विद्यालयों के 28,945 सरकारी शिक्षकों को मार्च तक टैब मिल जायेगा. टैब क्रय के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो गयी है. कंपनी को वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है. स्कूलों में ‘डिजिटल एजुकेशन’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘समग्र शिक्षा अभियान’ के तहत टैब दिया जा रहा है. टैब के माध्यम से शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की ऑनलाइन निगरानी भी की जायेगी. नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पूर्व शिक्षकों को टैब मिल जायेगा. एक टैब के क्रय पर लगभग 14 हजार रुपये खर्च आ रहा है. इसमें एक वर्ष तक टैब का मेंटेनेंस का खर्च भी शामिल है. टैब का स्क्रीन 10 इंच है. इसके साथ मेमोरी कार्ड भी उपलब्ध कराया जा रहा है. कंपनी की ओर से संबंधित प्रखंड मुख्यालयों तक टैब पहुंचाया जायेगा. शिक्षक प्रखंड मुख्यालय से टैब ले जायेंगे. शिक्षक के नाम से टैब आवंटित किया जायेगा. टैब को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी संबंधित शिक्षक की होगी.
सरकार ने वर्ष 2022 में दी थी राशि
शिक्षकों के लिए टैब क्रय करने की प्रक्रिया वर्ष 2022-23 से चल रही है. इस दौरान पांच टेंडर जारी किया गया है. टेंडर अलग-अलग कारणों से फाइनल नहीं हो पा रहा था. इस कारण टैब क्रय में विलंब हुआ. वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्र सरकार ने 28945 टैब खरीदने के लिए ने राज्य को प्रति टैब 10 हजार रुपये के हिसाब से 28.94 करोड़ रुपये दिये थे. साथ ही कहा था कि राज्य सरकार चाहे, तो अपने स्तर से आवश्यकता अनुरूप टैब की दर बढ़ा सकती है. इसके बाद राज्य सरकार ने प्रति टैब के लिए पांच हजार रुपये अतिरिक्त देने का निर्णय लिया. केंद्र व राज्य सरकार दोनों की ओर से उपलब्ध करायी गयी राशि से टैब का क्रय किया जा रहा है.
टैब के उपयोग की ऑनलाइन निगरानी
टैब का पंजीयन शिक्षक के नाम के साथ होगा. टैब के माध्यम से किये कार्य की भी ऑनलाइन निगरानी होगी. टैब कब खुला कितने समय तक इसका उपयोग हुआ. किस कार्य के लिए टैब का उपयोग किया गया. इस सब की ऑनलइन निगरानी होगी. टैब के लोकेशन को भी ट्रैक किया जायेगा.
वर्ष 2017 में मिला था 32 हजार टैब
राज्य में इससे पूर्व वर्ष 2017 में सरकारी स्कूलों को टैब दिया गया था. स्कूलों को लगभग 32 हजार टैब उपलब्ध कराया गया था. वर्ष 2017 में दिया गया अधिकतर टैब खराब हो चुका है. इस कारण शिक्षकों को काफी परेशानी हो रही थी.
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