पहले मुख्यालय को दोषी बताया, फिर कनीय को सजा दी
रांची: जैप-10 के डीएसपी निर्मल शशि तिर्की का टीए बिल निकलने में देर होने के मामले की जांच जैप के डीआइजी ने की है. डीआइजी ने अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेज दी है. इसमें कहा गया है कि जैप-10 के कमांडेंट ने पहले तो टीए नहीं निकलने के लिए पुलिस मुख्यालय को जिम्मेदार ठहराया, […]
रांची: जैप-10 के डीएसपी निर्मल शशि तिर्की का टीए बिल निकलने में देर होने के मामले की जांच जैप के डीआइजी ने की है. डीआइजी ने अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेज दी है. इसमें कहा गया है कि जैप-10 के कमांडेंट ने पहले तो टीए नहीं निकलने के लिए पुलिस मुख्यालय को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन जब गड़बड़ी पकड़ी गयी, तब अपने कार्यालय के कनीय पदाधिकारी पर कार्रवाई कर दी. जानकारी के मुताबिक डीएसपी निर्मल शशि तिर्की ने टीए बिल की निकासी के लिए आवेदन दिया था.
डीएसपी स्तर के पदाधिकारियों का 10 दिन से अधिक का टीए पुलिस मुख्यालय की बजट शाखा से स्वीकृत होता है, इसलिए जैप-10 कमांडेंट कार्यालय को बिल पुलिस मुख्यालय भेजना था. छह माह बीतने पर भी जब टीए बिल नहीं निकला, तब डीएसपी ने डीजीपी से भेंट कर इसकी शिकायत की. डीजीपी द्वारा पूछे जाने पर जैप-10 के कमांडेंट ने बताया कि उनके यहां से फाइल भेज दी गयी, लेकिन बजट शाखा से अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है. इसके बाद डीजीपी ने आइजी बजट से पूछताछ की थी.
करीब एक माह बाद आइजी बजट अनुराग गुप्ता के पास डीएसपी के टीए की फाइल पहुंची, तब उन्होंने इसकी शिकायत डीजीपी से की और कहा कि जैप-10 के कमांडेंट ने टीए निकासी को लेकर पत्र लिखा ही नहीं था और पुलिस मुख्यालय को दोषी बताया था. इसके बाद डीजीपी ने जैप के एडीजी को पूरे मामले की जांच का आदेश दिया था. एडीजी कमल नयन चौबे ने जांच का जिम्मा डीआइजी जैप को दे दिया था.