दुर्जय पासवान (गुमला). पालकोट की अनाथ बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद पालकोट थाना के पुलिसकर्मियों द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने में आनाकानी करने और पीड़िता की घाघरा थाना में पिटाई करने के मामले में पालकोट थानेदार समेत तीन पुलिस पदाधिकारियों को गुमला एसपी ने सस्पेंड कर दिया है. दुष्कर्म पीड़िता के साथ हो रहे अन्याय का मामला ‘प्रभात खबर’ ने 22 और 23 दिसंबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था. इसके बाद मामले में हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया. इस मामले में कई अधिकारियों को जांच में लगाया गया.
जांच में मामला सही पाये जाने पर हुई कार्रवाई
जांच के बाद पालकोट व घाघरा थाना की पुलिस को दोषी पाया गया. इसके बाद गुमला एसपी शंभु कुमार सिंह ने पालकोट थाना प्रभारी मो जहांगीर, घाघरा थाना के ओडी प्रभारी पुअनि कृष्ण कुमार और घाघरा थाना की महिला आरक्षी दीना टोप्पो को सस्पेंड कर दिया है. एसपी ने कहा कि ‘प्रभात खबर’ में समाचार छपने के बाद एसडीओ सुरेश प्रसाद यादव ने पूरे मामले की जांच की. जांच में मामला सही पाये जाने के बाद तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. एसपी ने कहा है कि पीड़िता को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर बाल सुधार गृह भेज दिया गया है.यह है मामला
पालकोट की अनाथ बच्ची को बहला-फुसला कर बनारस ले जाकर उससे बाल मजदूरी करायी गयी थी. वहां ईंट-भट्ठा पर दो माह तक बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ था. जब लड़की के मामा ने गायब होने की लिखित शिकायत पालकोट थाने में की, तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. परिजनों के दबाव के बाद जब अभियुक्त लड़की को लेकर वापस गुमला आया और घाघरा थाना में परिजन शिकायत करने पहुंचे, तो घाघरा थाना में लड़की की पिटाई की गयी. साथ ही डांट कर भगा दिया गया था. ‘प्रभात खबर’ ने 22 और 23 दिसंबर के अंक में इस मामले को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है