कलकत्ता हाईकोर्ट ने झारखंड के 3 विधायक को दी जमानत, आज विधानसभा के विशेष सत्र में हो सकते हैं शामिल
कोलकाता कैश कांड में फंसे झारखंड के तीन विधायक को कलकत्ता हाईकोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गयी. इसके साथ ही तीनों के कोलकाता में रहने की बाध्यता भी खत्म हो गयी है. ऐसे में तीनों के 11 नवंबर को रांची पहुंचे और झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने की संभावना बढ़ गयी है.
Jharkhand News: कोलकाता कैश कांड में फंसे झारखंड के तीन विधायक डॉ इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप को कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गयी है. इसके साथ ही कोलकाता में रहने की इनकी बाध्यता अब खत्म हो गयी. अब तीनों विधायक झारखंड लौट सकते हैं. संभावना है कि तीनों विधायक शुक्रवार (11 नवंबर, 2022) को रांची पहुंचकर झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में भाग ले सकते हैं.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने तीनों विधायकों की जमानत याचिका की मंजूर
न्यायाधीश जयमाल्य बागची एवं न्यायाधीश अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने तीनों विधायकों की जमानत याचिका मंजूर करते हुए इन्हें झारखंड जाने की अनुमति दे दी. विधायकों के अधिवक्ता अयन भट्टाचार्य ने बताया कि इससे पहले हाइकोर्ट ने 17 अगस्त को उनके मुवक्किलों को तीन महीने के लिए अंतरिम जमानत दी थी. अब जमानत मिल गयी है. अब उनके मुवक्किल झारखंड लौट सकते हैं. जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को तीनों विधायकों के झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने की भी चर्चा है.
कुछ शर्तों के साथ मिली जमानत
कांग्रेस विधायकों की ओर से मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता कौस्तभ बागची ने बताया कि हाइकोर्ट ने जमानत में कुछ शर्तें भी रखी हैं. विधायकों को हर 15 दिन पर कोलकाता आकर मामले के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होना होगा. चूंकि, यह मामला असम से संबंधित है और वहां भी मामले की जांच चल रही है, इसलिए तीनों विधायक असम नहीं जा सकते. हालांकि, तीनों कांग्रेसी विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप व नमन बिक्सल कोंगारी अपने गृह राज्य झारखंड जा सकते हैं.
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तीनों विधायकों ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का किया स्वागत
कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा तीनों विधायक को जमानत देने पर तीनों ने फैसले का स्वागत किया. बता दें कि लंबी सुनवाई के बाद गुरुवार को हाईकोर्ट ने तीनों विधायकों को रेगुलर जमानत दी है. तीन माह पूर्व कुछ शर्तों के साथ तीनों विधायकों को अंतरिम जमानत मिली है, पर शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा तीनों विधायकों को जमानत देने पर अब इन तीनों के रांची आने की संभावना बढ़ गयी है.
हाईकोर्ट के फैसले से पूरा मामला दूध का दूध और पानी का पानी हो गया
इस मौके पर विधायक डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि मुझे पहले से ही न्यायालय पर पूरा भरोसा था क्योंकि हमलोगों ने जब गलत किया ही नहीं, तो फिर परेशान होने की जरूरत नहीं है. सच आने में थोड़ा समय लगा, लेकिन आज सच सामने आ गया. वहीं, विधायक राजेश कश्यप एवं विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले से पूरा मामला दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. आज साजिशकर्ता का झूठ सामने आ गया.
ईडी ने तीनों खिलाफ केस किया दर्ज
इधर, विधायक कैश कांड में ईडी ने केस दर्ज किया है. ईडी ने कांग्रेस विधायक अनूप सिंह द्वारा अरगोड़ा थाना में दर्ज FIR को ही आधार बनाया है. ईडी ने राज्य के हेमंत सरकार को गिराने के उद्देश्य से विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में मनी लाउंड्रिंग की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज कर ली है. तीनों विधायकों को अभियुक्त बनाया गया है.
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स्पीकर कोर्ट में भी चल रहा मामला
वहीं, तीनों विधायकों के खिलाफ झारखंड स्पीकर रबींद्रनाथ महतो की कोर्ट में दलबदल का मामला भी चल रहा है. विधायक दल के नेता आलमगीर आलम को भूषण बाड़ा और शिल्पी नेहा तिर्की ने लिखकर शिकायत की थी कि विधायकों ने भाजपा के पक्ष में आने के लिए इनसे भी संपर्क किया था. इन विधायकों की शिकायत के आधार पर मंत्री आलमगीर आलम ने स्पीकर से आरोपी विधायकों के खिलाफ दलबदल का मामला चलाने का अाग्रह किया था. फिलहाल, स्पीकर इनकी सुनवाई कर रहे हैं.
क्या है मामला
30 जुलाई, 2022 को कांग्रेस के तीनों विधायकों को हावड़ा ग्रामीण पुलिस के पांचला थाने की पुलिस ने रानीहाटी मोड़ से 49 लाख रुपये नकद के साथ पकड़ा था. विधायकों से पुलिस ने नकदी के बारे में पूछताछ की लेकिन वे कोई ठोस जवाब नहीं दे पाये. विधायकों का कहना था कि वे विश्व आदिवासी दिवस पर बांटने के लिए साड़ी और फुटबॉल खरीदने नकदी लेकर कोलकाता आये थे. लेकिन पुलिस को इनके बयानों पर भरोसा नहीं हुआ और इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. फिर इस मामले को राज्य सीआइडी को सौंप दिया गया. तीनों विधायकों के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 120 बी, 171ई के तहत मामला दर्ज किया़ गया और इन्हें 31 जुलाई को विशेष सीजीएम कोर्ट में पेश किया गया. तब कोर्ट ने तीनों को 10 दिनों की सीआइडी हिरासत में रखने का आदेश दिया था. इसके बाद विधायकों ने हाइकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने 17 अगस्त को तीनों विधायकों को तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी. हालांकि, हाइकोर्ट ने अब तीनों को जमानत दे दी है.