रांची. रांची शहर में लगभग 2.40 लाख घर है. इनमें से सिर्फ 1.22 लाख घरों में सप्लाई पानी के लिए पाइपलाइन बिछी हुई है. वहीं, सप्लाई पानी का कोई टाइम टेबल निर्धारित नहीं है. इस कारण लोग पूरी तरह से बोरिंग पर आश्रित हो गये हैं. यही वजह है कि रांची शहर में हर साल 30 हजार नयी बोरिंग हो रही है.
रांची रिंग ओनर एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मानें, तो वर्ष 2016 से पहले शहर में हर साल लगभग 10 हजार बोरिंग होती थी. लेकिन, नयी-नयी कॉलोनियों के बसने व वाटर लेवल के नीचे जाने के कारण शहर में सालाना 30 हजार से अधिक बोरिंग हो रही है. इधर, इतनी संख्या में बोरिंग होने के कारण भूगर्भ जल का स्तर दिनोंदिन नीचे जा रहा है. पहले 150 फीट बोरिंग कराने पर ही पीने लायक पानी निकल जाता था और बोरिंग कभी सूखती नहीं थी. आज लोग पानी की चाहत में 600 से 800 फीट तक बोरिंग करवा रहे हैं.रांची शहर में हर साल हो रही है 30 हजार नयी बोरिंग
सप्लाई पानी का कोई टाइम टेबल नहीं होने के कारण लोग करा रहे हैं बोरिंग.
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