प्रतिनिधि, पिपरवार टंडवा प्रखंड स्वास्थ्य विभाग के फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत बचरा में तीन दिवसीय रात्रि जांच शिविर का आयोजन किया गया. स्वास्थ्यकर्मियों ने फाइलेरिया बीमारी का पता लगाने के लिए 300 लोगों का ब्लड सैंपल लिया. जानकारी के अनुसार राज्य सरकार को बचरा में फाइलेरिया मरीज पाये जाने की सूचना मिलने पर उक्त कदम उठाया गया है. वैसे लोगों की प्राथमिकता के आधार पर जांच की गयी, जिनमें फाइलेरिया के लक्षण पाये गये थे. साथ ही प्रभावित क्षेत्र मान कर वहां के रहनेवाले लोगों की जांच की गयी. शिविर में स्वास्थ्यकर्मियों ने लोगों को फाइलेरिया बीमारी के संबंध में जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया गया. बताया गया कि यह बीमारी मच्छर के काटने से उत्पन्न होता है. ऐसे मच्छर जो दिन के उजाले में कहीं छिप जाते हैं और रात के अंधरे में सक्रिय होकर इंसान के साेने या आराम करने के वक्त काटते हैं. इस दौरान वे फाइलेरिया के कीटाणु अपनी थूक के साथ इंसान के खून में मिला देते हैं. पांच से सात वर्ष बाद इस रोग का पता चलता है. इस रोग के कारण पैर फूल कर हाथी के पैर की तरह हो जाता है. महिला के स्तन व पुरुष के अंडकोष असामान्य हो जाते हैं. शुरुआती दौर में इस बीमारी का पता चल जाने पर इसे नियंत्रित किया जा सकता है. स्वास्थ्यकर्मियों ने लोगों से सोने के वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करने की नसीहत दी. शिविर को सफल बनाने में सीएचओ सावित्री कुमारी, एएनएम फुल कुमारी, रीना देवी, नलिता कुमारी, लैब टेक्नीशियन रणधीर कुमार, एपीडब्ल्यूयू सुभाष कुमार, जितेंद्र भुइयां, अनिल कुमार, गोविंद साव, सहिया आशा देवी की सक्रिय भूमिका रही.
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