जयनारायण (हजारीबाग). हजारीबाग वन्य जीव अभयारण्य में डीवीसी के चंद्रपुरा डियर पार्क से 300 हिरण लाये जायेंगे. इसके लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से अनुमति भी ली जा रही है. बता दें कि यह योजना वर्ष 2006 से प्रक्रियाधीन थी. अभयारण्य में पिछले दिनों बाघ की चहलकदमी के बाद यह कदम उठाया जा रहा है.
बढ़ जायेगी वन्य प्राणियों की तादाद
वन विभाग के इस कदम से सेंचुरी क्षेत्र में वन्य प्राणियों की तादाद बढ़ जायेगी. 2024-25 की गणना के अनुसार, अभी हजारीबाग वन्य जीव अभयारण्य में 16 प्रजातियों के स्तनधारी, 124 प्रजातियों की चिड़ियां और 142 प्रजातियों के वनस्पति मौजूद हैं. वन्य जीवों में लकड़बग्घा, सिंघी, सांभर, भेड़िया, नील गाय, चीतल सहित कई प्रजाति के जंगली जानवर मौजूद हैं.
पलामू टाइगर रिजर्व से विशेष वाहन मंगाये गये
डीएफओ सूरज कुमार सिंह ने बताया कि चंद्रपुरा डियर पार्क से हिरणों को हजारीबाग वन्य जीव अभयारण्य में लाया जायेगा. हिरणों को लाने के लिए पलामू टाइगर रिजर्व से विशेष वाहन मंगाये गये हैं. सारी सरकारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद हिरणों का स्थानांतरण का कार्य शुरू होगा. 2025 तक सभी हिरणों को हजारीबाग वन्य जीव अभयारण्य में स्थानांतरित कर दिया जायेगा. डीएफओ श्री सिंह ने यह भी बताया कि मेहमान हिरणों को लाने के बाद सबसे पहले अभयारण्य के बाड़े में रखा जायेगा. जंगल की आबोहवा से वाकिफ होने के बाद हिरणों को जंगल में छोड़ दिया जायेगा. फिलहाल अभयारण्य के बाड़े की मरम्मत करायी जा रही है और उसे मजबूत बनाया जा रहा है.
अभयारण्य बनाये जा रहे हैं पांच नये चेकडैम
डीएफओ सूरज ने बताया कि मेहमान हिरणों को गर्मी के दिनों में पानी की दिक्कत न हो, इसके लिए अभयारण्य में पांच नये चेकडैम बनाये जा रहे हैं. इस वन में पहले से ही कई चेकडैम और नाले हैं, जहां साल भर पानी मौजूद रहता है. बता दें कि हजारीबाग वन्य प्राणी अभयारण्य 18500 हेक्टेयर में फैला हुआ है.
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