रांची : केंद्रीय सरना समिति ने बच्च चोरी के मामले में नारायणी नर्सिग होम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और लाइसेंस रद्द करने की मांग की है. साथ ही झारखंड में नाबालिग लड़कियों की खरीद-फरोख्त और काम दिलाने के बहाने महानगरों में ले जाने जैसी बातों पर रोक लगाने की मांग की है.
रविवार को केंद्रीय सरना समिति ने रेखा कच्छप को मीडिया के सामने प्रस्तुत किया, जहां उसने आपबीती बतायी. उसने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर पड़ोसी रजनी कच्छप उसे 25 जनवरी को सदर अस्पताल लेकर पहुंची. वहां डॉक्टरों ने कहा कि बच्च होने में अभी समय है.
उसके बाद उसे नारायणी नर्सिग होम, बिरसा चौक में मंजू देवी के नाम दाखिल करवाया गया. वहां उसका सिजेरियन ऑपरेशन किया गया, फिर बताया गया कि बच्च गंभीर रूप से बीमार है, इसलिए उसे आइसीयू में रखा गया है. फिर कहा गया कि जांडिस के कारण बच्चे को शिशु भवन भेजा गया है. जब उसने बार-बार बच्च देखने की गुहार लगायी, तो बताया गया कि बच्च मर गया है और उसे दफना दिया गया है.
इसके बाद वह जब मृत बच्चे को पाने की जिद पर अड़ गयी, तो कहा गया कि 40 हजार रुपये देने पर उसे बच्च (जीवित) मिलेगा. तब इसकी शिकायत जगन्नाथपुर थाने में की गयी. जानकारी मिलने पर केंद्रीय सरना समिति ने हस्तक्षेप किया, तब 31 जनवरी की रात 8.30 बजे उसे बच्च वापस किया गया. महिला ने बताया कि वह बच्च बेचने वाले गिरोह की शिकार बनी थी.
बच्च बरामद करने में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, निरंजना हेरेंज टोप्पो, मेघा उरांव, प्रेमशाही मुंडा, बरसा गाड़ी, रंजीत टोप्पो, कृष्णकांत टोप्पो, नीरा टोप्पो, भगत उरांव, आकाश उरांव, जयंत टोप्पो, शोभा कुजूर, उषा टोप्पो, नीरा टोप्पो व अन्य शामिल थे.