प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला घोटाले में रिपोर्ट सौंपी

रांची: प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने कोयला घोटाले के आरोपी झारखंड स्पंज आयरन के सिलसिले में मनी लाउंड्रिंग के पहलू की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी दी है. कंपनी द्वारा कोयला खनन के मामले में सीबीआइ और इडी की रिपोर्ट विरोधाभासी है. सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कंपनी द्वारा अवैध खनन का उल्लेख किया था, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2015 7:01 AM
रांची: प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने कोयला घोटाले के आरोपी झारखंड स्पंज आयरन के सिलसिले में मनी लाउंड्रिंग के पहलू की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी दी है.

कंपनी द्वारा कोयला खनन के मामले में सीबीआइ और इडी की रिपोर्ट विरोधाभासी है. सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कंपनी द्वारा अवैध खनन का उल्लेख किया था, जबकि इडी की रिपोर्ट में डीजी माइंस (धनबाद) की रिपोर्ट के आधार पर कोयला खनन नहीं करने की बात कही गयी है. कास्ट्रोन टेक्नोलॉजी (बोकारो) के मामले में अभी जांच जारी रहने की बात कही गयी है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में सीबीआइ कोयला घोटाले में आपराधिक षड़यंत्र और इडी मनी लाउंड्रिंग के पहलू की जांच कर रहा है. सीबीआइ ने रूंगटा समूह के रामगढ़ स्थित ‘झारखंड इस्पात’ नामक कंपनी को आवंटित कोल ब्लॉक की जांच के बाद अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.

इसमें यह कहा गया था कि इस कंपनी को हजारीबाग में नार्थ धाधु कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था. साथ ही कंपनी को कोल ब्लॉक आवंटित करने में नियमों के उल्लंघन और कंपनी द्वारा इस कोयला खदान से अवैध खनन का आरोप लगाया गया था. सीबीआइ की इस जांच रिपोर्ट के आधार पर इडी ने मनी लाउंड्रिंग के पहलू की जांच शुरू की. इस क्रम में सरकार के माइंस,वन पर्यावरण विभाग से आवश्यक रिपोर्ट की मांग की गयी थी. इस मामले में सरकार से मिले दस्तावेज के आधार पर इडी ने अदालत में पेश अपनी रिपोर्ट में यह कहा है कि कंपनी ने नार्थ धाधु कोल ब्लॉक से कोयले का खनन नहीं किया है. डीजी माइंस (धनबाद) से इस कोयला खदान में खनन कार्य करने के संबंधित रिपोर्ट मांगी गयी थी. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इस खदान से कोयला खनन नहीं होने का उल्लेख किया है. जिला खनन पदाधिकारी ने भी इडी को लिखित तौर पर यह सूचित किया है कि इस खदान के कोयले का खनन नहीं हुआ है. राज्य सरकार ने भी अपनी रिपोर्ट में कंपनी को खनन की अनुमति नहीं देने और खनन के लिए पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिलने की बात कही है. रिपोर्ट में बोकारो के कास्ट्रोन टेक्नो की चर्चा करते हुए कहा गया कि इस कंपनी को गिरिडीह में ब्रrाडीह कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था. कंपनी की ओर से इस खदान के खनन कार्य करने की बात स्वीकार की गयी है.

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