बलमुचु-फुरकान ने सुखदेव के खिलाफ खोला मोरचा

रांची: विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस में घमसान मचा है. प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत को पार्टी के नेता घेर रहे हैं. सांसद व पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचु और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. प्रदेश कांग्रेस द्वारा बुलाये गये प्रमंडलीय सम्मेलन पर वह सवाल खड़ा कर रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2015 7:05 AM
रांची: विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस में घमसान मचा है. प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत को पार्टी के नेता घेर रहे हैं. सांसद व पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचु और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. प्रदेश कांग्रेस द्वारा बुलाये गये प्रमंडलीय सम्मेलन पर वह सवाल खड़ा कर रहे हैं.
सांसद श्री बलमुचु ने कहा है कि संगठन को जीरो पर लाकर खड़ा कर दिया गया है. लोकसभा चुनाव के बाद समीक्षा की बात हुई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद भी समीक्षा नहीं हो रही है. संगठन की हालत खराब है, लेकिन उपचार के लिए नहीं सोचा जा रहा है. सभी कुरसी बचाने में लगे हैं. बीमारी दूर करने के बजाय प्रमंडलीय बैठक हो रही है. श्री बलमुचु ने कहा कि पूरे हालात के लिए तीन लोग जिम्मेवार हैं. जिनकी जवाबदेही थी, उन्होंने नहीं संभाला. सोनिया गांधी और राहुल गांधी का निर्देश नहीं माना जा रहा है. उधर फुरकान अंसारी ने कहा है कि कमजोरी छिपाने के लिए रिव्यू बैठक नहीं हो रही है. प्रमंडलीय बैठक को लेकर ड्रामेबाजी बंद होनी चाहिए. फुरकान ने कहा कि अध्यक्ष को अनुभव नहीं है. रिव्यू बैठक से सब कुछ उजागर होना चाहिए. किसने क्या किया, सामने आना चाहिए. सुखदेव भगत के ढ़ंकने से नहीं चलेगा. हार के कारण सामने आने चाहिए.
दुमका सम्मेलन में नहीं जायेंगे फुरकान अंसारी
पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने कहा कि वह दुमका में पार्टी द्वारा आयोजित प्रमंडलीय सम्मेलन में नहीं जायेंगे. वहां जाकर कोई फायदा नहीं है. जमीन पर काम होना चाहिए, इस तरह के ड्रामेबाजी से कुछ हासिल नहीं होगा. पार्टी संगठन को खड़ा करना है, तो अपनी कमजोरी को सामने लाना होगा.
सदस्यता अभियान में प्रोपेगेंडा हो रहा है
फुरकान अंसारी ने कहा कि संगठन को मजबूत करने के लिए कुछ नहीं हो रहा है. सदस्यता अभियान को लेकर केवल प्रोपेगेंडा हो रहा है. अलबर्ट एक्का चौक जैसे जगह पर तंबू लगा कर केवल फोटो खींचा रहे हैं. ग्रास रूट पर लोगों को संगठन नहीं जोड़ा जा रहा है. सोनिया गांधी का निर्देश था कि निचले स्तर पर सदस्यता अभियान चलाया जाये. बूथ स्तर पर काम हो, लेकिन यहां कुछ नहीं हो रहा है. यह पूछे जाने पर कि आपके बेटे की भाजपा में जाने की चर्चा हो रही है. फुरकान ने कहा कि ऐसी नहीं होगा. मैं बात करूंगा. इरफान अंसारी, बादल पत्रलेख को कोई परेशानी है, तो सोनिया-राहुल से बात करें. अपनी बात आला कमान को बतायें.

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