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20 प्रतिशत महिलाएं होती हैं बाल यौन हिंसा की शिकार
रांची: साल्ट इनिशिएटिव की बिंदु लता बड़ाइक व राज मंडल ने कहा कि 20 फीसदी महिलाएं व 5-10 प्रतिशत पुरुष बाल यौन हिंसा के शिकार होते हैं. विश्व भर में 35 फीसदी महिलाएं अपने जीवन में हिंसा अथवा यौन हिंसा की शिकार होती हैं. विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 15-44 आयु वर्ग की महिलाएं […]
रांची: साल्ट इनिशिएटिव की बिंदु लता बड़ाइक व राज मंडल ने कहा कि 20 फीसदी महिलाएं व 5-10 प्रतिशत पुरुष बाल यौन हिंसा के शिकार होते हैं. विश्व भर में 35 फीसदी महिलाएं अपने जीवन में हिंसा अथवा यौन हिंसा की शिकार होती हैं.
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 15-44 आयु वर्ग की महिलाएं कैंसर, कार दुर्घटना, युद्ध और मलेरिया की तुलना में बलात्कार और घरेलू हिंसा जैसे खतरों की अधिक शिकार बनती हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2013 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 98 प्रतिशत मामलों में महिलाएं बलात्कारी को जानती हैं. 60 फीसदी भारतीय पुरुषों ने अपने जीवन काल में किसी समय अपनी पत्नी या साथी के प्रति हिंसक होने की बात स्वीकार की है.
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष व इंटरनेशनल सेंटर द्वारा कराये गये एक सर्वे के अनुसार हिंसा के अधिकतम मामले ओड़िशा व उत्तर प्रदेश में पाये जाते हैं, जहां 70 प्रतिशत से अधिक पुरुषों ने अपनी पत्नी या साथी के साथ अपमानजनक व्यवहार की बात स्वीकार की है.
इसके अतिरिक्त महिलाएं मानव तस्करी की शिकार भी होती हैं. कलीसिया एक देखभाल करनेवाला समुदाय है. इसलिए पास्टर्स व चर्च लीडर्स ऐसे मामलों को रोकने के लिए आगे आएं. आयोजन इमानुएल हॉस्पिटल एसोसिएशन की ओर से गोस्सनर कंपाउंड स्थित एचआरडीसी सभागार में छह फरवरी तक किया गया है.
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