हजारीबाग/केरेडारी: खनन परियोजनाओं को रद्द करे सरकार

रांची: हजारीबाग के केरेडारी में गत 23 जुलाई को एनटीपीसी परियोजना क्षेत्र में पुलिस फायरिंग की घटना की जांच कर नेशनल फैक्ट फाइडिंग की पांच सदस्यीय टीम गुरुवार को रांची पहुंची. टीम ने गोली कांड में घायल नान्हू महतो (रिम्स में भरती) से भी मुलाकात की. संवाददाताओं से बातचीत करते हुए टीम के सदस्यों ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2013 6:35 AM

रांची: हजारीबाग के केरेडारी में गत 23 जुलाई को एनटीपीसी परियोजना क्षेत्र में पुलिस फायरिंग की घटना की जांच कर नेशनल फैक्ट फाइडिंग की पांच सदस्यीय टीम गुरुवार को रांची पहुंची. टीम ने गोली कांड में घायल नान्हू महतो (रिम्स में भरती) से भी मुलाकात की.

संवाददाताओं से बातचीत करते हुए टीम के सदस्यों ने कहा कि केरेडारी में फायरिंग की घटना दुखद है. घटना में केसर महतो की मौत हुई थी, जबकि पांच लोग घायल हुए थे. घायल नान्हू महतो की रीढ़ की हड्डी में गोली लगी है. टीम ने सिफारिश की है कि खनन व उससे संबंधित परियोजना के लिए कृषि भूमि का अधिग्रहण सरकार न करें. कर्णपुरा क्षेत्र को कृषि क्षेत्र के रूप में मान्यता दी जाये. फरजी मुकदमों को वापस लिया जाये.

साथ ही गोली कांड के पीड़ितों को एनटीपीसी व सरकार मुआवजा दे. टीम के सदस्य एवं पूर्व सांसद सह अधिवक्ता प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि हमें तय करना होगा कि खनन/ ऊर्जा के लिए खेती के जमीन के अधिग्रहण के बजाय वैकल्पिक उपाय (सोलर एनर्जी) को प्राथमिकता मिले. टीम की सदस्य कल्याणी मेनन सेन ने कहा कि आखिर कब तक लोगों की जिंदगी को मुआवजा से तौला जायेगा. एनटीपीसी के सीएसआर के तमाम दावे खोखले हैं. टीम के जी अरुणिमा, जतिन देसाई व संजीव कुमार ने अपनी बातें रखीं. सदस्यों ने कहा कि वे केरेडारी में चल रहे संघर्ष को देश के अन्य भागों में विभिन्न परियोजनाओं के खिलाफ संघर्ष से जोड़ कर देख रहे हैं. सरकार पूरी तरह से अपने व कंपनियों के फायदे में नीतियां बना रही हैं. यह जनहित में ठीक नहीं है.

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