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नियुक्ति में किसी प्रकार की गलती नहीं हो: कोर्ट
रांची : हाइकोर्ट में शुक्रवार को झारखंड न्यायिक सेवा (जूनियर डिवीजन कैडर) प्रतियोगिता परीक्षा मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देनेवाली अपील याचिकाओं पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने मामले की विस्तृत सुनवाई की. खंडपीठ ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में किसी प्रकार की गलती […]
रांची : हाइकोर्ट में शुक्रवार को झारखंड न्यायिक सेवा (जूनियर डिवीजन कैडर) प्रतियोगिता परीक्षा मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देनेवाली अपील याचिकाओं पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने मामले की विस्तृत सुनवाई की.
खंडपीठ ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में किसी प्रकार की गलती अथवा त्रुटि नहीं होनी चाहिए. नियुक्ति में पारदर्शिता बरती जाये. यदि किसी अभ्यर्थी ने फरजी प्रमाण पत्र दिया है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. इससे पूर्व जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने पक्ष रखा. हस्तक्षेप याचिकाकर्ता अमर टोप्पो की ओर से बताया गया कि प्रतिवादी ने फरजी प्रमाण पत्र दिया है.
खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तिथि निर्धारित की. मालूम हो कि प्रार्थी जेपीएससी ने अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी है. एकल पीठ ने शिल्पा मुरमू व अन्य के मामले में जेपीएससी की दलील को खारिज कर दिया था. जेपीएससी को परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया था.
आयोग ने प्रार्थियों के आवेदन को यह कहते हुए स्वीकार करने से इनकार कर दिया था कि उन्होंने आवेदन पत्र के साथ आवश्यक जाति प्रमाण पत्र जमा नहीं किया है. मोसरत जिया व अन्य के मामले में एकल पीठ द्वारा पारित आदेश को चुनौती देनेवाली जेपीएससी की अपील पर 21 फरवरी को सुनवाई होगी.
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