नामकुम: अजीत नायक हत्याकांड के विरोध में शुक्रवार को ग्रामीण सड़क पर उतर आये. नामकुम बाजार के समीप उन्होंने एनएच 33 जाम कर विरोध जताया. आश्वासन के बाद जाम शाम करीब पांच बजे हटा लिया गया. जाम करीब चार घंटे तक रहा.बताया गया कि पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार को जैसे ही अजीत नायक का शव नामकुम लाया गया, लोगों के सब्र का बांध टूट गया. लोग बांस-बल्ली लेकर सड़क पर उतर आये और नामकुम बाजार के समीप दिन के करीब 12 बजे सड़क जाम कर नारेबाजी शुरू कर दी. जामकर्ता 24 घंटे के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार करने, मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने व 20 लाख रुपया मुआवजा देने की मांग करने लगे. नामकुम पुलिस से भी जामकर्ता नाराज थे.
वे थाना प्रभारी को सस्पेंड करने की मांग कर रहे थे. परिजनों का कहना था कि आरोपियों के नाम देने के बाद भी पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में असफल रही. इधर, जाम की सूचना मिलने पर हटिया डीएसपी अनुरंजन किस्पोट्टा पहुंचे. उन्होंने जामकर्ताओं से बातचीत की, लेकिन वे नहीं माने. फिर ट्रैफिक एसपी राजीव रंजन पहुंचे.
ट्रैफिक एसपी द्वारा नामकुम इंस्पेक्टर अशोक तिर्की को केस का अनुसंधानकर्ता बनाये जाने, नामकुम थानेदार के विरुद्घ डीएसपी द्वारा जांच करने तथा मामले पर त्वरित कार्रवाई करने के आश्वासन के बाद जामकर्ता शांत हुए और शाम करीब चार बजे जाम हटा लिया गया. इधर, करीब चार घंटे तक एनएच 33 जाम रहने से राहगीरों व स्कूली बच्चों को परेशानी हुई. ज्ञात हो कि जमीन कारोबारी अजीत नायक की गुरुवार को गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इस संबंध में मृतक के भाई अनिरुद्घ नायक के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है, जिसमें मौजा तुंबागुटू की 1.78 एकड़ जमीन के विवाद का जिक्र है. आवेदन में विनोद नायक, बबलू नायक, अनिल गोप, संजय सिंह, विनोद सिंह व शशिभूषण कुमार के नाम भी दर्ज हैं, जिनसे जमीन विवाद की बात कही जा रही है.