पशुपालकों को हर माह दो करोड़
मनोज सिंह रांची : नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) हर माह पशुपालकों को दूध के एवज में दो करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने लगा है. राज्य के आठ जिलों में एनडीडीबी दूध संग्रह का काम कर रहा है. इस दूध के एवज में किसानों के बीच राशि का वितरण किया जा रहा है. […]
मनोज सिंह
रांची : नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) हर माह पशुपालकों को दूध के एवज में दो करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने लगा है. राज्य के आठ जिलों में एनडीडीबी दूध संग्रह का काम कर रहा है. इस दूध के एवज में किसानों के बीच राशि का वितरण किया जा रहा है. अब तक एनडीडीबी ने 3444 किसानों को अपने साथ जोड़ लिया है. किसानों को औसतन प्रति लीटर 27.44 रुपये दिये जा रहे हैं,जो आसपास के राज्यों की तुलना में अधिक है.
पिछले साल इसी समय पशुपालकों के बीच मात्र 75.75 लाख रुपये का वितरण किसानों के बीच होता था. एनडीडीबी यहां मात्र चार माह से दूध संग्रहण के क्षेत्र में काम कर रहा है. मेघा के नाम से झारखंड में एनडीडीबी के दुग्ध के उत्पाद बिकते हैं.
25 हजार लीटर प्रतिदिन होने लगा कलेक्शन : राज्य में अब प्रति दिन 24.96 हजार लीटर दूध जमा किया जा रहा है. राज्य में दुग्ध के संग्रह के लिए मिल्क फेडरेशन का गठन किया गया है. इसी के माध्यम से एनडीडीबी यहां काम कर रहा है. संस्था अब तक आठ जिलों में काम कर रही है. करीब 26 हजार लीटर दूध की बिक्री प्रति दिन हो रही है. राज्य गठन के समय मात्र सात हजार लीटर दूध का उत्पादन होता था. राज्य में अभी 30 हजार लीटर दूध की जरूरत है. राज्य गठन के समय प्रति व्यक्ति उपलब्धता 58 ग्राम प्रति दिन था. अब यह बढ़ कर 171 ग्राम प्रति दिन हो गया है.
लोहरदगा में गाय ने एक साथ तीन बाछी जन्मा : लोहरदगा जिले के सिसई गांव में एक गाय ने पिछले साल एक साथ तीन बाछी को जन्म दिया है. इसे बायफ ने अपनी मैगजीन में स्थान दिया है. यह गाय लोहरदगा जिले के समरुद्दीन अंसारी की है. गाय अभी 3.5 लीटर दूध देती है. तीनों बच्चे अभी पूरी तरह स्वस्थ्य हैं. गव्य विकास विभाग ने समरुद्दीन को जानवरों के पालने के लिए सहायता उपलब्ध कराया है. बायफ राज्य में दुग्ध उत्पादन के लिए कृत्रिम गर्भाधान का काम कराता है.