कांग्रेस और झाविमो के विधायकों पर अब भी नजर, कैबिनेट विस्तार पर सस्पेंस
रांची : रघुवर दास सरकार के कैबिनेट विस्तार को लेकर सस्पेंस बरकरार है. कैबिनेट विस्तार की अटकलों के साथ राजनीति गरम है. दिल्ली भाजपा को कैबिनेट के विस्तार की हरी झंडी देनी है, इधर नजर कांग्रेस-झाविमो विधायकों पर है. राजनीति गलियारे में हर दिन तरह-तरह की चर्चा उफान मार रही है. कभी कांग्रेसी विधायकों को […]
रांची : रघुवर दास सरकार के कैबिनेट विस्तार को लेकर सस्पेंस बरकरार है. कैबिनेट विस्तार की अटकलों के साथ राजनीति गरम है. दिल्ली भाजपा को कैबिनेट के विस्तार की हरी झंडी देनी है, इधर नजर कांग्रेस-झाविमो विधायकों पर है.
राजनीति गलियारे में हर दिन तरह-तरह की चर्चा उफान मार रही है. कभी कांग्रेसी विधायकों को लेकर चर्चा है, तो कभी झाविमो के विधायकों के इधर-उधर होने की अटकलें है. विधायक भी शह-मात का खेल कर रहे हैं. कांग्रेसी विधायक दिल्ली दौड़ भी लगा रहे हैं.
पिछले दिनों कांग्रेस के तीन विधायक दिल्ली में डेरा जमाये हुए थे. चर्चा है कि कांग्रेस के चार और झाविमो के छह विधायकों से भाजपा ने संपर्क साधा है. भाजपा के साथ विधायकों की नजदीकी की खबर से कांग्रेस-झाविमो खेमे में बेचैनी है. पार्टियां भी अपने विधायकों का पैतरा भांप रही हैं.
11 को कैबिनेट विस्तार की चर्चा: सूचना के मुताबिक, 11 फरवरी को कैबिनेट विस्तार की चर्चा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा केंद्रीय नेतृत्व कैबिनेट विस्तार को लेकर अपनी सहमति देगी. राजनीति सूत्रों के अनुसार, पिछले दिनों मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कैबिनेट विस्तार को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बात की थी. लेकिन मुख्यमंत्री को कुछ दिनों के लिए रुकने को कहा गया था.
विपक्ष ने निकाला उपाय: कांग्रेस-झाविमो के विधायकों के इधर-उधर होने की चर्चा के साथ विपक्ष भी हरकत में आया. विधायकों को इंटैक्ट रखने के लिए विपक्ष ने भी रास्ता निकाला है. विपक्षी दलों की बैठक बुलाने की पहल क्राइसिस मैनेजमेंट का हिस्सा है. विपक्षी विधायकों के इस खेमे ने भी संभावना दिखायी है. विधायकों से कहा गया है कि सरकार बनाने का रास्ता विपक्ष भी निकाल सकता है. कैबिनेट विस्तार में आजसू को जगह नहीं मिली, तो उससे बात बढ़ाने की बात नेता कह रहे हैं. कांग्रेस और झाविमो के नेताओं अपने-अपने विधायकों को रोकने के प्रयास में जुटे हैं.