रांची : चेरी गांव में आइआइएम के लिए ली गयी 90 एकड़ जमीन में से पांच एकड़ से ज्यादा जमीन रैयतों की है. रैयतों को इस जमीन के एवज में दूसरी जमीन देने पर विचार हो रहा है. रैयतों को उसी क्षेत्र में उतनी ही महत्वपूर्ण जमीन दी जायेगी, जितनी की उनसे ली गयी है.
मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने स्पष्ट किया है कि जमीन के बदले रैयतों को जमीन दी जायेगी. अगर रैयतों को सरकार की यह नीति पसंद आयेगी, तो उन्हें जमीन दी जायेगी. अगर इस पर सहमति नहीं बनती है, तो दूसरे विकल्प पर विचार किया जायेगा.
जानकारी के मुताबिक कांके प्रखंड के चेरी गांव में आइआइएम के लिए जमीन दी गयी है. सरकार ने यहां गैर मजरूआ जमीन चिह्न्ति कर यह जमीन आइआइएम को आवंटित की है. करीब 90 एकड़ जमीन दी गयी है.
इस पर आइआइएम के निर्माण के लिए शिलान्यास भी कर लिया गया है. यह भी चिह्न्ति कर लिया गया है कि किन रैयतों की जमीन इसमें पड़ रही है. सरकार का यह प्रयास है कि रैयतों को किसी तरह की परेशानी न हो. आपसी समझौते के तहत एक नीति बना कर इस मुद्दे का हल किया जायेगा.