बंद हो सकते हैं राज्य पुलिस के 16 कैंटीन
रांची : राज्य पुलिस के 16 कैंटीन बंद हो सकते हैं. कैंटीन बंद होने का कारण सीआरपीएफ द्वारा सस्ते दर पर सामान उपलब्ध कराने से इनकार करना बताया जा रहा है. कैंटीन बंद होने का असर राज्य के करीब 55 हजार पुलिसकर्मियों पर पड़ेगा. सेना और अर्धसैनिक बलों की तरह राज्य के पुलिसकर्मियों को भी […]
रांची : राज्य पुलिस के 16 कैंटीन बंद हो सकते हैं. कैंटीन बंद होने का कारण सीआरपीएफ द्वारा सस्ते दर पर सामान उपलब्ध कराने से इनकार करना बताया जा रहा है. कैंटीन बंद होने का असर राज्य के करीब 55 हजार पुलिसकर्मियों पर पड़ेगा.
सेना और अर्धसैनिक बलों की तरह राज्य के पुलिसकर्मियों को भी सस्ते दर पर घरेलू सामान मिले, इसके लिए डीजीपी ने पिछले साल महत्वकांक्षी योजना के तहत पुलिस कैंटीन खोलने पर काम शुरू किया था. सीआरपीएफ के अफसरों से बात कर सीआरपीएफ के कैंटीन को झारखंड पुलिस के लिए मास्टर कैंटीन बनवाया गया. इसके बाद कैंटीन खोलने का काम शुरू हुआ.
सबसे पहले जैप-एक में, फिर झारखंड जगुआर में कैंटीन खुला. इसके बाद विभिन्न जिलों व जैप के बटालियन मुख्यालय में कुल 16 कैंटीन खोले गये हैं. इन कैंटीनों में सीआरपीएफ के कैंटीन से घरेलू सामान लाये जाते थे. उसके बाद बटालियन व जिला के कैंटीन से पुलिसकर्मियों को सामान उपलब्ध कराये जाते हैं. हाल में सीआरपीएफ ने राज्य पुलिस के कैंटीन को सामान देने से इनकार कर दिया है. सीआरपीएफ ने कहा है कि सेल्स टैक्स विभाग को इस पर आपत्ति है. सेल्स टैक्स विभाग ने कहा है कि वैट की छूट सिर्फ सीआरपीएफ के जवानों द्वारा उपयोग किये जाने वाले सामानों पर ही दिये जाने का प्रावधान है.
वैट माफी का नियम
वाणिज्य कर विभाग के द्वारा वैट माफ किया जाता है. इसके लिए विभाग संबंधित संगठन या संस्था की ओर से आये आवेदन पर वाणिज्य कर व वित्त विभाग विचार करती है. विचार के बाद वाणिज्य कर विभाग के द्वारा प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में भेजा जाता है. कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद वैट में छूट मिलता है.
सरकार ने नहीं दी है वैट में छूट
पुलिस कैंटीन में बिकने वाले सामानों पर वैट की छूट के लिए पुलिस विभाग की तरफ से राज्य सरकार को पत्र भेजा गया है, लेकिन अब तक सरकार ने इस पर विचार नहीं किया है.