15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नहीं जायेगी विधायकों की सदस्यता

झारखंड विवाद : क्या कहते हैं जानकार झारखंड विकास मोरचा (जेवीएम) विधायकों के भाजपा में शामिल होने के लिए दो-तिहाई विधायकों का अलग होना जरूरी है. मौजूदा समय में जेवीएम के आठ विधायक हैं और अगर छह विधायक अलग गुट बना कर भाजपा में विलय करते हैं, तो उनकी सदस्यता पर कोई आंच नहीं आयेगी. […]

झारखंड विवाद : क्या कहते हैं जानकार
झारखंड विकास मोरचा (जेवीएम) विधायकों के भाजपा में शामिल होने के लिए दो-तिहाई विधायकों का अलग होना जरूरी है. मौजूदा समय में जेवीएम के आठ विधायक हैं और अगर छह विधायक अलग गुट बना कर भाजपा में विलय करते हैं, तो उनकी सदस्यता पर कोई आंच नहीं आयेगी.
क्योंकि दल-बदल विरोधी कानून के मुताबिक अगर कोई सांसद या विधायक खुद पार्टी से इस्तीफा देता है या ह्वप का उल्लंघन करता है तो उसकी सदस्यता खत्म हो जाती है, लेकिन पार्टी से निकाले जाने पर वह सदस्य बना रह सकता है. पार्टी किसी विधायक की सदस्यता खत्म नहीं कर सकती है. दल-बदल विरोधी कानून में दो-तिहाई सदस्यों के एक साथ अलग होने पर विधायकों की सदस्यता बरकरार रहेगी.
जेवीएम द्वारा चार विधायकों को सस्पेंड करने के बाद भी ये उस दल के सदस्य हैं, क्योंकि वे पार्टी के चुनाव चिह्न् पर जीत कर आये हैं. ऐसे में बाकी बचे दो विधायक इन निष्कासित विधायकों के साथ मिल कर स्पीकर से अलग गुट बनाने की मांग कर सकते हैं. अलग गुट बनने के बाद ये भाजपा में विलय की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकते हैं.
कानूनन इससे विधायकों की सदस्यता भी बची रहेगी. इस संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष को अधिकार है कि वह विधायकों के दावों की पड़ताल कर इस विषय में निर्णय लें. विधायकों के दल बदल के लिए पार्टी पदाधिकारियों का अलग होना जरूरी नहीं है.
जीसी मल्होत्र, पूर्व महासचिव लोकसभा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें