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पार्टी बदलते रहे हैं इनमें से कई विधायक

रांची : झाविमो के छह विधायकों ने पाला बदल लिया है. इन्होंने झाविमो छोड़ कर भाजपा के साथ जाने को लेकर कवायद शुरू कर दी है. विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को पत्र भेज कर झाविमो छोड़ने की सूचना दे दी है. साथ ही भाजपा विधायक के साथ सीट एलॉट करने का आग्रह किया है. पाला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2015 6:15 AM
रांची : झाविमो के छह विधायकों ने पाला बदल लिया है. इन्होंने झाविमो छोड़ कर भाजपा के साथ जाने को लेकर कवायद शुरू कर दी है. विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को पत्र भेज कर झाविमो छोड़ने की सूचना दे दी है.
साथ ही भाजपा विधायक के साथ सीट एलॉट करने का आग्रह किया है. पाला बदलने वाले छह विधायकों में से तीन विधायक पाला बदलने के माहिर खिलाड़ी हैं. इन्होंने अपनी राजनीति रोटी सेंकने को लेकर कई बाद पाला बदला है. झाविमो की टिकट से चुनाव लड़ने वाले ये छह विधायक दूसरे दल से आये थे. भाजपा की सरकार बन गयी, तो वहां जाने के लिए कूद फांद मचा रहे हैं. भाजपा में शामिल होने जा रहे झाविमो के छह विधायकों के राजनीतिक सफर पर पेश है रिपोर्ट.
नवीन जायसवाल : हटिया विधायक नवीन जायसवाल पिछले उप चुनाव में आजसू की टिकट पर चुनाव लड़ कर जीते थे. वर्ष 2014 में भाजपा और आजसू का गंठबंधन हुआ था. इसके बाद हटिया सीट भाजपा के खाते में चली गयी. इस पर नवीन जायसवाल ने आजसू से बगावत करते हुए झाविमो का दामन थाम लिया. झाविमो की टिकट पर हटिया से चुनाव लड़े और जीते. अब सरकार में बर्थ पाने को लेकर भाजपा का दामन थामने को बेताब हैं.
अमर बाउरी : चंदनक्यिारी विधायक पहले भाजपा के साथ थे. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने झाविमो का दामन थामा. चंदनक्यिरी सीट से चुनाव लड़ कर विजयी हुए. अब एक बार फिर से भाजपा में जाने को लेकर जुट गये हैं.
गणोश गंझू : सिमरिया विधायक गणोश गंझू का भाजपा के साथ पहले से लगाव रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से टिकट नहीं मिलने पर ये पार्टी छोड़ते हुए झाविमो के साथ जुड़ गये थे. सिमरिया से झाविमो की टिकट पर चुनाव लड़ कर जीते. अब वे एक बार फिर पाला बदल कर भाजपा के साथ जाने को लेकर प्रयासरत हैं.
आलोक चौरसिया : डालटेनगंज विधायक पहली बार विधायक बने हैं. इन्होंने डालटेनगंज सीट से झाविमो के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते. चुनाव के डेढ़ माह अंदर श्री चौरसिया का मोह झाविमो से भंग हो गया. अब वे भाजपा में जाने की तैयारी कर रहे हैं. इनके पिता पहले निर्दलीय और आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं.
रणधीर सिंह : सारठ विधायक रणधीर सिंह भी पहली बार विधायक बने हैं. इन्होंने झाविमो के टिकट पर सारठ सीट से जीत दर्ज की है. श्री सिंह भी चुनाव के डेढ़ माह के अंदर पार्टी बदल कर भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं.
जानकी प्रसाद : बरकट्ठा विधायक जानकी प्रसाद यादव भी पहली बार विधायक बने हैं. झाविमो के टिकट पर चुनाव लड़ कर इन्होंने जीत हासिल की है. झाविमो के अन्य विधायकों के साथ ये भी भाजपा में जाने को लेकर जुटे हुए हैं. इसके लिए कई बार इन्होंने प्रयास किया है.

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