जेलों में 2130 से अधिक पद रिक्त

राज्य की जेलों में न चिकित्सक हैं और न ही नर्स राणा प्रताप रांची : राज्य की पांच सेंट्रल जेल सहित 26 जेलों में मानव संसाधन की भारी कमी है. यहां बड़ी संख्या में सृजित पद रिक्त हैं. 26 जेलों में 2,667 पद स्वीकृत है. इसमें से लगभग 2130 से अधिक पद वर्षो से रिक्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2015 6:32 AM
राज्य की जेलों में न चिकित्सक हैं और न ही नर्स
राणा प्रताप
रांची : राज्य की पांच सेंट्रल जेल सहित 26 जेलों में मानव संसाधन की भारी कमी है. यहां बड़ी संख्या में सृजित पद रिक्त हैं. 26 जेलों में 2,667 पद स्वीकृत है. इसमें से लगभग 2130 से अधिक पद वर्षो से रिक्त पड़े हैं. 26 जेलों में सफाई के लिए सिर्फ एक स्वीपर नियुक्त है, जबकि जेलों में 18,000 से अधिक बंदी हैं.
गौरतलब है कि 1894 में निर्मित जेल मैनुअल के अनुसार जेलों में व्यवस्था चलायी जा रही है. आज भी ब्रिटिश सरकार के नियम जेलों में लागू है. जेलों में सबसे खराब स्थिति अस्पतालों की है. अस्पतालों में अधिकतर सृजित पद खाली हैं. यहां न तो पर्याप्त संख्या में चिकित्सक और न ही पारा मेडिकल स्टॉफ है. दवाइयां भी उपलब्ध नहीं है. इस संबंध में हाइकोर्ट में दाखिल शपथ पत्र के अनुसार सरकार ने जानकारी दी है कि आरोपियों व कैदियों के प्रबंधन के लिए सिस्टम तैयार किया गया है.
सभी रजिस्टर दुरुस्त कर दिये गये हैं. अस्पतालों में आधुनिक जांच उपकरण लगाये गये हैं. मेडिकल उपकरणों के माध्यम से मरीजों की जांच करनेवाले स्टॉफ नियुक्त नहीं हैं. चार विशेष चिकित्सा पदाधिकारी का पद सृजित है. सभी पद खाली पड़े हैं. 39 चिकित्सकों में से सिर्फ 11 पदस्थापित है. कक्षपाल के 1609 पदों में से 344 कार्यरत हैं. 1265 पद रिक्त है. 35 कंपाउंडर व आठ नर्स के पद हैं, लेकिन सभी खाली हैं. जेलों में साफ-सफाई के लिए स्वीपर के 164 पद सृजित है, जिसमें से 163 पद रिक्त है. वाहन चालकों के 70 पद हैं, जो खाली है. बताया जाता है कि राज्य भर में जेलों की व्यवस्था कामचलाऊ व्यवस्था पर आधारित है.
जेलों में रिक्तियां तो हैं, उसे भरने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. नियुक्ति नियमावली में संशोधन करना है, उसका प्रस्ताव भी दिया गया है. स्वीकृति मिलने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी. कुछ पदों के लिए जेपीएससी द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी है. पीटी परीक्षा हो चुकी है. जेल की व्यवस्था में सुधार का प्रयास हो रहा है.
शैलेंद्र भूषण, कारा महानिरीक्षक

Next Article

Exit mobile version