इको टूरिज्म को बढ़ावा देगा वन विभाग

रांची: वन विभाग राज्य में इको टूरिज्म बढ़ाने के लिए विस्तृत योजना तैयार कर रहा है. राज्य के वन संपदा का इस्तेमाल राज्य की आय बढ़ाने में कैसे हो, इस पर विचार किया जा रहा है. विभाग चाहता है कि वन विभाग जंगलों में रहनेवाले लोगों की नियमित आय का उपाय करे. इको टूरिज्म इसका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2015 6:34 AM
रांची: वन विभाग राज्य में इको टूरिज्म बढ़ाने के लिए विस्तृत योजना तैयार कर रहा है. राज्य के वन संपदा का इस्तेमाल राज्य की आय बढ़ाने में कैसे हो, इस पर विचार किया जा रहा है.
विभाग चाहता है कि वन विभाग जंगलों में रहनेवाले लोगों की नियमित आय का उपाय करे. इको टूरिज्म इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है. यह बात वन विभाग के नये हेड ऑफ फोर्स (पीसीसीएफ) बीसी निगम ने प्रभात खबर से बातचीत में कही.
भारतीय वन सेवा के 1980 बैच के अधिकारी श्री निगम ने कहा कि राज्य के पास वनों की कमी नहीं है. काफी खूबसूरत जंगल हैं. वन को बिना नुकसान पहुंचाये, इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा. प्रयास किया जा रहा है कि अच्छे स्पॉट, अच्छे होटल बनाये जायें. वहां आनेवाले टूरिस्ट जंगल में रहनेवाले लोगों की आजीविका का साधन भी बन सकते हैं.
हाइटेक हो रहा है वन विभाग
श्री निगम ने कहा कि वन विभाग के वर्तमान भवन की संरचना काफी पुरानी थी. डिजिटल इंडिया की बात हो रही है, लेकिन इस दिशा में हो रहे प्रयास काफी नहीं है. इस कारण पुरानी बिल्डिंग में एक कांफ्रेंस रूम, वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा, वाइ-फाइ की व्यवस्था हो रही है. इसी बीच नये वन भवन के निर्माण पर भी काम शुरू कर दिया जायेगा. नये भवन के निर्माण में भी समय लगेगा. तब तक हम पुरानी व्यवस्था के साथ नहीं चल सकते हैं.
अपडेट होगी साइट
वन विभाग की साइट को भी अपडेट किया जा रहा है. हरेक कार्यालय और अधिकारी को नयी तकनीकी से अपडेट रहने को कहा गया है. अब कार्यालय के ज्यादा पत्र मेल से ही भेजे जायेंगे. मेल से ही रिपोर्ट मांगी जायेगी. अधिकारियों में क्षमता की कमी नहीं है. उनको नयी तकनीकी से अपटेड किया जायेगा.
विकास के लिए खनन जरूरी
श्री निगम का मानना है कि राज्य में जितनी प्राकृतिक संपदा है, उसका अच्छे से दोहन भी होना चाहिए. इस राज्य का सौभाग्य है कि यहां कोयला, लोहा, बॉक्साइट, माइका आदि की माइंस है. यहीं जंगल भी हैं. दोनों के बीच तालमेल जरूरी है. माइनिंग और प्लांटेशन के बीच तालमेल को लेकर विभाग काम कर रहा है. लोग घरेलू जरूरतों के लिए कैसे कम से कम वन की लकड़ी का उपयोग करें, इस दिशा में काम शुरू किया जायेगा. नये अनुसंधान कराये जायेंगे. दूसरे जगह हुए अनुसंधान का फायदा राज्य के लोगों को देने की कोशिश होगी.

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