मार्च के बाद आंदोलन करेंगे एचइसी के श्रमिक संगठन

रांची : एचइसी कर्मियों व सेवानिवृत्त कर्मियों की मांग वर्षो से लंबित है. मांगों के समर्थन में विभिन्न श्रमिक संगठन समय-समय पर आमसभा के माध्यम से प्रबंधन को मांग पत्र सौंपते रहे हैं. लेकिन उनकी मांगें नहीं मानी गयीं. हटिया कामगार यूनियन के महामंत्री लालदेव सिंह ने कहा है कि चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2015 5:59 AM
रांची : एचइसी कर्मियों व सेवानिवृत्त कर्मियों की मांग वर्षो से लंबित है. मांगों के समर्थन में विभिन्न श्रमिक संगठन समय-समय पर आमसभा के माध्यम से प्रबंधन को मांग पत्र सौंपते रहे हैं. लेकिन उनकी मांगें नहीं मानी गयीं. हटिया कामगार यूनियन के महामंत्री लालदेव सिंह ने कहा है कि चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 के समाप्त होने में महज डेढ़ माह का समय बचा है. यूनियन आंदोलन कर उत्पादन प्रभावित नहीं करना चाहता है. वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद अगर मांगें पूरी नहीं हुई तो यूनियन आंदोलन की घोषणा करेगा.
वहीं हटिया मजदूर यूनियन के महामंत्री भवन सिंह ने कहा कि श्रमिकों की मांग पूरी होगी तो उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. यूनियन की मुख्य मांगों में वेतन नियमित करने, स्थायी बहाली प्रक्रिया शुरू करने, रिटेंशन पर कर्मियों को नहीं रखने, दीर्घकालीन लीज पर दिये गये आवास का एग्रीमेंट करने, सेवानिवृत्त कर्मियों का बकाया भुगतान करने, विधवा आश्रितों को नौकरी देने की मांग शामिल है.
कर्मियों को लीव सैलरी मिलेगी
हटिया कामगार यूनियन की बैठक रविवार को यूनियन ऑफिस में आरके सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि हर माह एचइसी से औसतन 25 से 30 कर्मी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. लेकिन प्रबंधन उन्हें लीव सैलरी का भुगतान नहीं कर रहा है. पिछले दिनों यूनियन ने हाई कोर्ट में लीव सैलरी भुगतान को लेकर याचिका दायर की थी.
हाइकोर्ट ने 113 कर्मियों के पक्ष में फैसला देते हुए प्रबंधन से 16 सप्ताह के अंदर भुगतान करने को कहा है. श्री सिंह ने कहा कि लीव सैलरी का बकाया मार्च 2011 से है. करीब 400 से अधिक कर्मियों की लीव सैलरी बकाया है. उन्होंने प्रबंधन से शेष सभी कर्मियों का बकाया भुगतान जल्द करने की मांग की. बैठक में लालदेव सिंह, रामभजू पंडित, आरके सिन्हा, पारसनाथ, शंभू श्रीवास्तव, सीएस कुमार, सीपी सिंह, योगेंद्र सिंह, भुवनेश्वर पंडित, लखन महतो, राजेंद्र प्रसाद उपस्थित थे.

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