अशोक सिंह हैं सूत्रधार : एपीडीआरपी योजना में गड़बड़ी का खुलासा
रांची : जमशेदपुर में एपीडीआरपी योजना में हुए करोड़ों रुपये की गड़बड़ी में आरपीसीएल कंपनी के डायरेक्टर और मालिक अशोक सिंह मुख्य सूत्रधार हैं. इस बात का खुलासा निगरानी जांच में हुआ है. निगरानी एएसपी आनंद जोसेफ तिग्गा की जांच रिपोर्ट के अनुसार अशोक सिंह ने जेएसइबी के पदाधिकारियों की मिलीभगत से निविदा, वर्क ऑर्डर […]
रांची : जमशेदपुर में एपीडीआरपी योजना में हुए करोड़ों रुपये की गड़बड़ी में आरपीसीएल कंपनी के डायरेक्टर और मालिक अशोक सिंह मुख्य सूत्रधार हैं. इस बात का खुलासा निगरानी जांच में हुआ है. निगरानी एएसपी आनंद जोसेफ तिग्गा की जांच रिपोर्ट के अनुसार अशोक सिंह ने जेएसइबी के पदाधिकारियों की मिलीभगत से निविदा, वर्क ऑर्डर और वर्क एग्रीमेंट की शर्तो का उल्लंघन किया.
उन्होंने नियमों को ताक पर रख कर काम से जुड़े संचिका संख्या 167 में टिप्पणी एवं कार्यवाही/ आदेश पारित कराने में सफल रहे. निगरानी की जांच रिपोर्ट के अनुसार संचिका संख्या 167 की टिप्पणी, पृष्ठ संख्या 47 तक मेसर्स आरपीसीएल कंपनी के द्वारा धीमी गति से कार्य करने का उल्लेख था. इसके बावजूद वह बिजली बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष बीएम वर्मा और अन्य पदाधिकारियों के साथ मिल कर गलत तथ्यों के आधार पर अपने अनुकूल संचिका में टिप्पणी करवा ली.
इसके साथ ही जेएसइबी बोर्ड से भी अपने पक्ष में राशि भुगतान करने का आदेश पारित करवा लिया. राशि का भुगतान करने के लिए पोस्ट फैक्टो अप्रूवल लेने के बजाय चेयरमैन से ही बफसीट पर स्वीकृति ले लिया गया. योजना में लोन में प्राइज वेरिएशन तथा आर्बिट्रेशन अवार्ड मद में राशि आवंटित नहीं थी.
रिपोर्ट के अनुसार आरपीसीएल के विपत्र की ग्रॉस राशि 7,89,84,626 एवं नेट राशि 4,89,24788 रुपये थी. इसके बावजूद केंद्र सरकार और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन से अतिरिक्त राशि प्राप्त कर नियमों की अनदेखी कर आरपीसीएल कंपनी को 108,760,653 का भुगतान किया गया.