वनांचल शब्द हटायें

मांग : आंदोलनकारी चिह्न्तिकरण आयोग से आंदोलनकारी मोरचा ने मुख्यमंत्री सचिवालय जाकर ज्ञापन सौंपा 19 को राज्यपाल से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल आयोग का कार्यकाल बढ़ाने की मांग रांची : झारखंड आंदोलनकारी मोरचा की ओर से मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर झारखंड-वनांचल आंदोलनकारी चिह्न्तिकरण आयोग के नाम से वनांचल शब्द हटाने की मांग की गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2015 6:36 AM
मांग : आंदोलनकारी चिह्न्तिकरण आयोग से
आंदोलनकारी मोरचा ने मुख्यमंत्री सचिवालय जाकर ज्ञापन सौंपा
19 को राज्यपाल से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
आयोग का कार्यकाल बढ़ाने की मांग
रांची : झारखंड आंदोलनकारी मोरचा की ओर से मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर झारखंड-वनांचल आंदोलनकारी चिह्न्तिकरण आयोग के नाम से वनांचल शब्द हटाने की मांग की गयी है. साथ ही मंत्री परिषद द्वारा पारित संकल्प प्रस्तावों में आवश्यक संशोधन करने और आयोग का कार्यकाल विस्तार करने का आग्रह किया गया है.
पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा के नेतृत्व में सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सचिवालय जाकर ज्ञापन सौंपा. उन्होंने बताया कि इन मांगों को लेकर मोरचा 19 फरवरी को राज्यपाल से मिलेगा. पत्र में कहा गया है कि मंत्री परिषद द्वारा झारखंड आंदोलनकारियों के साथ वनांचल शब्द जोड़ कर विवादास्पद विषय बना दिया है. इसमें संशोधन करना जरूरी है.
संकल्प प्रस्ताव में वनांचल शब्द जोड़ने का न तो कोई तर्क है और नहीं कोई औचित्य. श्री बेसरा ने कहा कि आंदोलनकारियों के आश्रित परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरियों में सीधी नियुक्ति एवं अनुकंपा पर नियुक्ति का प्रावधान किया जाना चाहिए. मोरचा ने आंदोलनकारियों की पेंशन राशि बढ़ा कर 10 हजार रुपये करने का भी आग्रह किया गया है. आन्दोलनकारी परिवार के सदस्यों के कल्याण के लिए सरकार की ओर से उचित कदम उठाने का भी आग्रह किया गया.
प्रतिनिधिमंडल में बीर सिंह सुरेन, पंकज मंडल, सुरेश चंद्र मुमरू, सेलेस्टीन कुजूर, अरुण कुमार साहु समेत कई लोग शामिल थे.

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