झारखंड खेल प्राधिकरण की बैठक में मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश, खेलगांव में ठहरे पुलिस जवानों को हटायें

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को खेल गांव में रह रहे पुलिस जवानों को हटाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि पुलिस के जवानों के रहने के लिए अलग से व्यवस्था की जाये, खेल गांव परिसर का उपयोग केवल खेल एवं खिलाड़ियों के लिए ही होगा. मुख्यमंत्री ने यह निर्देश मंगलवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2015 6:08 AM
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को खेल गांव में रह रहे पुलिस जवानों को हटाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि पुलिस के जवानों के रहने के लिए अलग से व्यवस्था की जाये, खेल गांव परिसर का उपयोग केवल खेल एवं खिलाड़ियों के लिए ही होगा. मुख्यमंत्री ने यह निर्देश मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में झारखंड खेल प्राधिकरण की कार्यकारिणी समिति की बैठक में दिया. सीएम को जानकारी दी गयी थी कि खेल गांव परिसर के फ्लैट में पुलिस के जवान रहते हैं.

रघुवर दास ने खेल परिसर एवं स्टेडियम में खेल के अतिरिक्त अन्य उपयोग पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति/पेयजल एवं अन्य कार्य जो डिजाइन के आधार पर किये गये थे विभाग उसका मूल डिजाइन कंपनी से प्राप्त कर लें ताकि भविष्य में आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सके. बैठक में भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह ने सुझाव दिया कि खेल गांव के रख रखाव में छोटे कामों के लिए पदाधिकारियों की एक उपसमिति का गठन किया जाये जो अपने स्तर पर उसका रखरखाव करेंगे, इस पर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दी.

बैठक में मुख्य सचिव राजीव गौबा, वित्त विभाग की प्रधान सचिव राजबाला वर्मा, सीएम के प्रधान सचिव संजय कुमार, खेलकूद, कला संस्कृति एवं युवा कार्य विभाग की सचिव वंदना डाडेल व अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.
पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए भी विशेष योजना बनायी जानी चाहिए. इसके लिए बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम निर्माण के समय बनायी गई 34 दुकानों के आवंटन के लिए विज्ञापन प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया तथा उन्होंने दुकान आवंटन में राज्य के खिलाड़ियों को प्राथमिकता देने की बात कही. मैथन स्थित खेल छात्रवास की सुरक्षा के लिए मैथन पॉवर लिमिटेड को प्राधिकृत किये जाने की बात संज्ञान में लाये जाने पर मुख्यमंत्री ने अन्य स्टेडियम के संरक्षण के लिए सीसीएल, बीसीसीएल, डीवीसी से विचार-विमर्श करने का निर्देश दिया.

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