थोक दवा निर्माण क्षमता बढ़ायेगी सरकार
एजेंसियां, नयी दिल्लीसरकार जल्दी ही भारत में थोक दवा विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए योजना लेकर आयेगी, ताकि थोक दवा आयात के लिए चीन पर निर्भरता घटायी जा सके. फार्मा सचिव वीके सुब्बुराज ने उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित समारोह में कहा कि हम चीन से 70-80 प्रतिशत थोक दवा का आयात कर रहे हैं. […]
एजेंसियां, नयी दिल्लीसरकार जल्दी ही भारत में थोक दवा विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए योजना लेकर आयेगी, ताकि थोक दवा आयात के लिए चीन पर निर्भरता घटायी जा सके. फार्मा सचिव वीके सुब्बुराज ने उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित समारोह में कहा कि हम चीन से 70-80 प्रतिशत थोक दवा का आयात कर रहे हैं. हम जल्दी ही देश में थोक दवा क्षमता बढ़ाने के लिए योजना पेश करेंगे. सुब्बुराज ने कहा कि एक समय था, जब भारत बड़े पैमाने पर थोक दवाओं का उत्पादन कर रहा था और अब कुछ भी नहीं हो रहा. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गठित समिति ने अपने सुझाव सांैपे हैं. फार्मा विभाग इसकी समीक्षा कर रहा है और जल्दी ही अपनी रणनीति पेश करेगा. ये रणनीतियां प्रस्ताविक थोक दवा-फार्मा नीति का अंग होंगी.सुब्बुराज ने कहा कि फिलहाल एचएएल कोई उत्पादन नहीं कर रही. उसके पास पूंजी की समस्या है, लेकिन कंपनी के पास पुणे में 270 एकड़ जमीन है. हमने एचएएल की पुनरुद्धार योजना तैयार की है, जिसे जल्द ही मंत्रिमंडल के पास भेजा जायेगा. महाराष्ट्र की एचएएल देश की पहली दवा विनिर्माण इकाई थी, जो वाणिज्यिक तौर पर एंटीबायोटिकका उत्पादन करती थी. सुब्बुराज ने कहा कि सरकार इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स (आइडीपीएल) के पुनरुद्धार पर भी विचार करेगी.