कनहर नदी पर बराज निर्माण मामले की सुनवाई
सरकार ने बताया, ठंड व कुहासा की वजह से नहीं हो सकी बैठक रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को कनहर नदी पर बराज निर्माण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को तेजी से […]
सरकार ने बताया, ठंड व कुहासा की वजह से नहीं हो सकी बैठक रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को कनहर नदी पर बराज निर्माण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को तेजी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया. मामले की विस्तृत सुनवाई अप्रैल के प्रथम सप्ताह में होगी. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने खंडपीठ को बताया की कनहर नदी पर बराज निर्माण के लिए बनायी गयी उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष जस्टिस डीएन प्रसाद ने रिपोर्ट दे दी है. सरकार को इसकी जानकारी प्राप्त हुई है. अत्यधिक ठंड व कुहासा की वजह से स्थल पर उच्चस्तरीय समिति की बैठक नहीं हो पायी. छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि भी नहीं आ पाये. बैठक कर निर्णय लेने के लिए उन्होंने समय देने का आग्रह किया. इस पर खंडपीठ ने कहा कि उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट की कहां है. न प्रार्थी को मिली है और न ही प्रतिवादी को मिली है. प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता पीसी त्रिपाठी ने पक्ष रखते हुए कहा कि बराज निर्माण का मामला अत्यंत संवेदनशील मामला है. इसमें लगातार विलंब हो रहा है. 67000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना है. सुखाड़ प्रभावित क्षेत्र माना जाता है. उच्च स्तरीय समिति की बैठक स्थल पर होना सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी हेमेंद्र प्रताप देहाती ने जनहित याचिका दायर की है.