जो खोये हुए हैं, उन्हें ढूंढ़ेगा इपीएफओ
एजेंसियां, नयी दिल्लीकर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) ने अपने अंशधारकों को निष्क्रि य भविष्य निधि खातों का पता लगाने में मदद के इरादे से एक ऑनलाइन हेल्पडेस्क गठित किया है. इसका मकसद ऐसे खातों में पड़े धन का अंतिम निपटान करना या अंशधारकों के नये खातों में धन का अंतरण करना है. इन खातों में […]
एजेंसियां, नयी दिल्लीकर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) ने अपने अंशधारकों को निष्क्रि य भविष्य निधि खातों का पता लगाने में मदद के इरादे से एक ऑनलाइन हेल्पडेस्क गठित किया है. इसका मकसद ऐसे खातों में पड़े धन का अंतिम निपटान करना या अंशधारकों के नये खातों में धन का अंतरण करना है. इन खातों में 27,000 करोड़ रुपये पड़ा हुआ है.ऐसे निष्क्रि य खातों की संख्या करीब 8.15 करोड़ है. ऑनलाइन हेल्पडेस्क का उद्घाटन करते हुए श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, इससे अंशधारक अपने खातों के निपटान के लिए प्रोत्साहित होंगे. इस बारे में केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त के के जालान ने कहा कि निष्क्रि य पड़े सभी खातों का निपटान एक साल के भीतर किये जाने का प्रयास किया जायेगा. उन्होंने यह भी कहा कि इपीएफओ भविष्य निधि के ऑनलाइन निपटान और निकासी सुनिश्चित करने के लिए जल्दी ही योजना लायेगा.एक अधिकारी ने कहा कि इस हेल्पडेस्क का उपयोग कर ऐसे खातों के खाताधारक अपने खाते का पता लगा सकते हैं और इसका निपटान या भविष्य निधि अपने मौजूदा खातों में हस्तांतरण करा सकते हैं. कौन से खाते निष्क्रियनिष्क्रि य खाते वे हैं जहां 36 महीने में कोई योगदान नहीं आया है. इपीएफओ एक अप्रैल 2011 से ऐसे खातों पर ब्याज देना रोक दिया है. अधिकारी के अनुसार इस कदम से इपीएफओ को बिना परिचालन वालों खातों के निपटान में मदद मिलेगी.