दुष्कर्म की घटनाओं का किया विरोध

रांची: जिस मुल्क में औरत की हालत जब तलक नासाज है, चाहे जितनी तरक्की हो, मुल्क वो बरबाद है.. महिलाओं व नाबालिगों की पीड़ा को बयां करता यह गीत रविवार को अलबर्ट एक्का चौक पर गाया जा रहा था. नाबालिगों, बच्चियों व महिलाओं के साथ दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं का प्रतिकार करने एवं समाज को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:33 PM

रांची: जिस मुल्क में औरत की हालत जब तलक नासाज है, चाहे जितनी तरक्की हो, मुल्क वो बरबाद है.. महिलाओं व नाबालिगों की पीड़ा को बयां करता यह गीत रविवार को अलबर्ट एक्का चौक पर गाया जा रहा था. नाबालिगों, बच्चियों व महिलाओं के साथ दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं का प्रतिकार करने एवं समाज को इस मुद्दे पर सचेत करने के लिए विभिन्न जनसंगठनों के लोग इकट्ठा हुए.

इस मौके पर झारखंड जनसंस्कृति मंच के अनिल अंशुमन ने कहा कि बाजारवाद के बढ़ते वर्चस्व के साथ एक खतरनाक माहौल बन रहा है. समाज में महिलाओं, किशोरियों के अलावा छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म की बढ़ती घटनाएं चिंतनीय है.

इन मुद्दों पर प्रशासन व समाज का मौन टूटना जरूरी है. आखिर क्यों दुष्कर्म की घटना को अंजाम देनेवाले बेल पर छूट जाते हैं. सोनी तिरिया ने कहा कि समाज महिलाओं, बच्चियों को भयमुक्त माहौल दे. शेखर सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया. उपस्थित लोगों ने पोस्टर के जरिये दुष्कर्म की घटनाओं का विरोध किया. कार्यक्रम में ज्योति सुरीन, अनु केरकेट्टा, दयामनी बरला जोय केरकेट्टा, गौतम मुंडा, मो असलिम, शकील अहमद सहित अन्य उपस्थित थे.

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