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”प्रभात खबर : प्रयोग की कहानी” पुस्‍तक का लोकार्पण, मीडिया की सोच के अनुरुप होगा राज्‍य का विकास : रघुवर दास

रांची :‘प्रभात खबर : प्रयोग की कहानी’ पुस्‍तक के विमोचन के अवसर पर मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि ‘प्रभात खबर’ की सोच के अनुसार राज्‍य का विकास करेंगे. उन्‍होंने कहा कि समय-समय पर मीडिया की सलाह पर सरकार अमल करेगी और इन पांच सालों में राज्‍य का हर क्षेत्र में विकास करेगी. उन्‍होंने कहा […]

रांची :‘प्रभात खबर : प्रयोग की कहानी’ पुस्‍तक के विमोचन के अवसर पर मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि ‘प्रभात खबर’ की सोच के अनुसार राज्‍य का विकास करेंगे. उन्‍होंने कहा कि समय-समय पर मीडिया की सलाह पर सरकार अमल करेगी और इन पांच सालों में राज्‍य का हर क्षेत्र में विकास करेगी. उन्‍होंने कहा कि इस पुस्‍तक के लिए अनुज कुमार सिन्‍हा बधाई के पात्र हैं. उन्‍होंने कहा कि वे ‘प्रभात खबर’ की विकास यात्रा के एक प्रत्‍यक्ष गवाह हैं,
उन्‍होंने ‘प्रभात खबर’ का संघर्ष जमशेदपुर में काफी नजदीक से देखा है. मुख्‍यमंत्री ने कहा कि हरिवंश जी जिस अखबार का नेतृत्‍व कर रहे हैं और उनके साथ अनुज जी और विजय पाइक जैसे सहयोगी हैं, उसको तो सफल होना ही था. उन्‍होंने स्‍वामी विवेकानंद की एक पंक्ति को आधार बनाकर कहा कि हर चीज शुरुआत में छोटी होती है बाद में वह बड़ी हो जाती है. उन्‍होंने कहा कि व्‍यक्ति अपने कर्मों से सुंदर होता है चेहरे से नहीं. श्री दास ने कहा कि राज्‍य के विकास के लिए जो भी सुझाव देना चाहता हो वह सहज ढंग से अपने सुक्षाव मुझतक पहुंचा सकता है.
कार्यक्रम में उपस्थित हिंदुस्तान टाइम्स ग्रुप के चीफ एडिटोरियल कंटेंट ऑफिसर निकोलस डावेस ने कहा कि ‘प्रभात खबर’ ने स्‍थानीय और राष्‍ट्रीय मुद्दों को काफी संजीदगी और सुंदरता से पेश किया है. जमीनी स्‍तर की पत्रकारिता करते हुए व्‍यापार का एक सफल मॉडल बनकर सभी के सामने मिशाल पेश किया है. राष्‍ट्रीय अखबारों में जिस प्रकार कोल ब्‍लॉक और लड़कियों की तस्‍करी जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाता है, उसी प्रकार ‘प्रभात खबर’ में भी इन मुद्दों को काफी अच्‍छे ढंग से प्रकाशित और प्रसारित किया जा सकता है. उन्‍होंने कहा कि नेशनल मीडिया की तरह परंपरागत मीडिया में भी तकनीक का असर देखा जा रहा है. आने वाले दिनों में सभी चीजें डिजीटलाइज हो जायेगा.
कोलकाता स्थित इंडियन इंस्टिटय़ूट ऑफ सोशल वेलफेयर एंड बिजनेस मैनेजमेंट के निदेशक अशोक कुमार दत्‍ता ने कहा कि ‘प्रभात खबर’ अखबार तीन चीजों के कारण सफल हुआ है. ये तीन चीजें लीडरशिप, नैतिक मूल्‍य और टीम का पैशन है. ये बातें किसी भी संस्‍थान को सफलता के सोपान पर पहुंचा सकती है. उन्‍होंने हरिवंश की भावना की सराहना की और कहा कि नैतिक मूल्‍यों ने ‘प्रभात खबर’ को आज जन-जन का चहेता बनाया है. इससे पूर्व मुख्‍यमंत्री और अन्‍य अतिथियों ने ‘प्रभात खबर : प्रयोग की कहानी’ पुस्‍तक और ‘झारखंड गौरव सम्‍मान’ नामक कॉफी टेबल बुक का लोकार्पण किया.
पुस्‍तक ‘प्रभात खबर : प्रयोग की कहानी’ के लेखक और ‘प्रभात खबर’ के संपादक अनुज कुमार सिन्‍हा ने कहा कि हमारा संकल्‍प था कि अखबार बंद ना हो. जीवन में कभी निराश नहीं होना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि हरिवंश जी और गोयनका जी से पुस्‍तक लिखने की प्रेरणा मिली.
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''प्रभात खबर : प्रयोग की कहानी'' पुस्‍तक का लोकार्पण, मीडिया की सोच के अनुरुप होगा राज्‍य का विकास : रघुवर दास 2
कार्यक्रम में वरिष्‍ठ पत्रकार हरिवंश ने कहा कि हम उबड़-खाबड़ रास्‍ते पर चलकर मंजिल तक पहुंचे हैं. उन्‍होंने कहा कि हमने अपनी गलती से सीखा है.’प्रभात खबर’ के प्रबंध निदेशक केके गोयनका ने स्‍वागत भाषण में सभी अतिथियों का स्‍वागत किया और कहा कि ‘प्रभात खबर’ को पाठकों, हाॅकरों और विज्ञापन दाताओं का साथ मिलता रहा. जिसने अखबार को इस मुकाम पर पहुंचाया.
प्रभात खबर की 30 साल की यात्रा पर आधारित किताब प्रभात खबर: प्रयोग की कहानी का लोकार्पण शनिवार को सुबह 10 बजे से आर्यभट्ट सभागार (रांची कॉलेज के सामने, मोरहाबादी, रांची) में किया गया. वरिष्ठ संपादक अनुज कुमार सिन्हा द्वारा लिखी गयी इस पुस्तक को नयी दिल्ली के प्रभात प्रकाशन ने प्रकाशित किया है. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास इसका लोकार्पण किया.
इस मौके पर हिंदुस्तान टाइम्स ग्रुप के चीफ एडिटोरियल कंटेंट ऑफिसर निकोलस डावेस मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे. आरजी आइआइएम, शिलांग के संस्थापक निदेशक अशोक दत्ता और बीआइटी, रांची के कुलपति मनोज मिश्र विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में प्रभात खबर के पुराने सहयोगी भी मौजूद थे. श्री पीके सेन (पूर्व महाप्रबंधक) भी कोलकाता से विशेष आमंत्रण पर रांची आये हुए थे.
कुल 368 पृष्ठों की पुस्तक प्रयोग की कहानी को छह अध्याय में बांटा गया है. यह पुस्तक सिर्फ प्रभात खबर का इतिहास नहीं है बल्कि ऐसी संस्था की कहानी है, जिसने सभी रास्ते बंद होने के बाद भी हार नहीं मानी और खुद अपनी राह बनायी. इस पुस्तक के पहले अध्याय में इस बात का जिक्र है कि कैसे प्रभात खबर ने 1984 से अपनी यात्रा आरंभ की थी और 1989 आते-आते यह संस्था संकट में पड़ गयी. 1989 में इसे नये प्रबंधन ने अपने हाथ में लिया.
इस दौरान प्रभात खबर में संपादकीय में कैसे-कैसे अनूठे प्रयोग किये गये, कैसे स्थानीय खबरों की पत्रकारिता को बढ़ावा दिया, कैसे विशेष अंक निकाले. प्रयोगों का गढ़ अध्याय में इन सभी का जिक्र है. जिम्मेवारी और रास्ते नामक दूसरे अध्याय में इस बात का जिक्र है कि प्रभात खबर ने कैसे सामाजिक जिम्मेवारी और जनहित की पत्रकारिता की. कैसे देश के शीर्ष चिंतकों, विचारकों, पत्रकारों और राजनेताओं को बुलाकर इस क्षेत्र को बौद्धिक स्तर पर समृद्ध करने का प्रयास किया. यह सब भारत किधर व्याख्यानमाला के तहत हुआ.
पौधशाला नामक तीसरे अध्याय में यह बताने का प्रयास किया गया है कि कैसे प्रभात खबर ने भिन्न पत्रकारिता की. कैसे अपनी आचार संहिता बनायी, अपने पत्रकारों को प्रशिक्षित किया. कैसे जोखिम और जज्बे की पत्रकारिता में यहां के पत्रकार जुड़े रहे. संस्कृति, ताकत और पहचान चौथा अध्याय है. इसमें प्रभात खबर की संस्कृति का जिक्र है.
कैसे प्रभात खबर ने झारखंड की संस्कृति को समृद्ध करने, अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार किया. पांचवें अध्याय में जिक्र है कि एक क्षेत्रीय और स्थानीय अखबार ने छोटे-छोटे प्रयास से, नयी तकनीक का इस्तेमाल कर सकरुलेशन और विज्ञापन की दुनिया में अपनी जगह बनायी. अंतिम यानी छठे अध्याय में हरिवंश, केके गोयनका और आरके दत्ता के अनुभव व लेख हैं जिसमें इस बात का जिक्र है कि प्रभात खबर की इस लंबी यात्रा में क्या-क्या परेशानियां आयीं और कैसे उनसे निबटा गया.
पांच हजार से ज्यादा पुस्तकों का प्रकाशन कर चुका है प्रभात प्रकाशन
प्रभात प्रकाशन नयी दिल्ली की संस्था है. इसे हिंदी पुस्तकों में देश का सबसे बड़ा प्रकाशक माना जाता है. 1958 में इसकी स्थापना की गयी थी. इसने अभी तक पांच हजार से ज्यादा पुस्तकों का प्रकाशन किया है. प्रकाशक डॉ पीयूष बताते हैं कि उचित मूल्य पर सबके लिए अच्छी पुस्तकें उपलब्ध कराना उनकी संस्था का मूल सिद्धांत रहा है.
अंतरराष्ट्रीय मानक संस्थान मूडी द्वारा उत्कृष्ठ गुणवत्ता-नीति को देखते हुए विश्व में पहली बार किसी हिंदी प्रकाशन संस्थान को आइएसओ 9001: 2008 प्रकाशक से प्रमाणित किया गया है. उत्तम गुणवत्ता के लिए पिछले 20 वर्षो से भारतीय प्रकाशन उद्योग के मुख्य संघ फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स लगातार सर्वश्रेष्ठ प्रकाशन के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया जाता रहा है.
हिंदी पाठकों के लिए अगस्त 1995 से प. विद्यानिवास मिश्र के संपादकत्व में मासिक पत्रिका साहित्य अमृत का प्रकाशन आरंभ किया था, जो अब साहित्य जगत में जाना-माना नाम बन चुका है. प्रभात प्रकाशन ने झारखंड से संबंधित कई पुस्तकों का भी प्रकाशन किया है. देश-दुनिया के कई बड़े लेखकों की पुस्तकें लगातार प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित होती रही हैं.
मुख्य वक्ता व विशिष्ट अतिथि का परिचय
निकोलस डावेस
निकोलस डावेस हिंदुस्तान टाइम्स ग्रुप के चीफ एडिटोरियल कंटेंट ऑफिसर हैं. वह इसके पहले दक्षिण अफ्रीका के मशहूर अंगरेजी अखबार ‘ द मेल एंड गाजिर्यन न्यूजपेपर’ के एडिटर इन चीफ रहे हैं. वह राजनीतिक स्तंभकार के रूप में भी चर्चित रहे हैं.पत्रकारिता के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. पब्लिक पॉलिसी और इकोनोमिक्स उनका प्रिय विषय है. वह साउथ अफ्रीकन नेशनल एडिटर्स फोरम के चेयरमैन रहे हैं. उन्हें वेब पोर्टल के लिए काम करने का भी व्यापक अनुभव है.
अशोक कुमार दत्ता
अशोक दत्ता कोलकाता स्थित इंडियन इंस्टिटय़ूट ऑफ सोशल वेलफेयर एंड बिजनेस मैनेजमेंट के 10 वर्षो तक निदेशक रहे. वह शिलौंग स्थित राजीव गांधी इंडियन इंस्टिटय़ूट ऑफ मैनेजमेंट के पहले डायरेक्टर रहे हैं. स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, आइआइटी खड़गपुर के पहले डीन रहे. नॉर्थ-इस्टर्न काउंसिल के सदस्य रहे हैं. वह अभी डी-सेल्स यूनिवरसिटी, पेंसिलवानिया के ट्रस्टी हैं और कॉलेज ऑफ इकोनोमिक्स, ओसीन यूनिवरसिटी ऑफ चाइना के कनसल्टिंग प्रोफेसर हैं.
झारखंड गौरव सम्मान का भी विमोचन होगा
प्रभात खबर ने हाल ही में अपनी 30 साल की यात्रा पूरी की है. प्रभात खबर ने समय-समय पर समाज में बेहतर काम करनेवालों को सम्मानित किया है. 2014 के अगस्त में प्रभात खबर के 30 साल पूरे हुए थे. इस अवसर पर राज्य भर में विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन काम करनेवाले 30 लोगों को सम्मानित किया गया था. इनमें समाज सेवा, शिक्षा, निर्माण, चिकित्सा, खेल, लेखन, कला-संस्कृति, फिल्म के अलावा अन्य क्षेत्रों के लोग शामिल हैं.
इसमें कुछ ऐसे लोग भी थे जो देश-दुनिया में झारखंड का नाम रौशन कर रहे हैं. इनमें से कई लोग प्रभात सम्मान ग्रहण करने मुंबई से रांची आये थे और कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इन विभूतियों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रभात खबर ने झारखंड गौरव सम्मान नाम से कॉफी टेबल बुक का प्रकाशन किया है. इसका लोकार्पण भी शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास के हाथों होगा. इस कॉफी टेबल बुक में झारखंड के बिजनेस हेड विजय बहादुर ने विस्तार से इसकी महत्ता पर विशेष लेख लिखा है.

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