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लोगों को कर रही है आकर्षित

दिल्ली में बांस, घास और संथा उत्पाद की प्रदर्शनी ब्यूरो, नयी दिल्लीहुनरमंद लोगों के लिए काम की कमी है. अगर हुनर को निखारने का मौका मिले तो जीवन स्तर में व्यापक बदलाव आ सकता है. झारखंड के आदिवासी युवाओं ने इसे साबित किया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी से ट्रेनिंग हासिल करने वाले आदिवासी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2015 9:03 PM

दिल्ली में बांस, घास और संथा उत्पाद की प्रदर्शनी ब्यूरो, नयी दिल्लीहुनरमंद लोगों के लिए काम की कमी है. अगर हुनर को निखारने का मौका मिले तो जीवन स्तर में व्यापक बदलाव आ सकता है. झारखंड के आदिवासी युवाओं ने इसे साबित किया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी से ट्रेनिंग हासिल करने वाले आदिवासी युवाओं की जिंदगी इससे बदली है. सराकेला के निवासी दिनेश मुंडा ने कहा कि निफ्ट की ट्रेनिंग से हमारी आमदनी काफी बढ गयी है. पहले रोजाना 100 रुपये भी कमाना मुश्किल था, लेकिन अब हालात काफी बेहतर हुए हैं. अगर सरकार इन उत्पादों के मार्केटिंग में मदद करे तो झारखंडी कला देश ही नहीं विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हो जायेगी. झारखंड उद्योग विभाग की निदेशक सुचित्रा सिन्हा ने कहा कि संथा कला देश में सिर्फ झारखंड में ही मौजूद हैं. ऐसी सिलाई कहीं दूसरी जगह नहीं देखी जाती है. इस प्रदर्शनी के प्रति लोगों में जबरदस्त आकर्षण है और उत्पादों की बिक्री भी अच्छी हो रही है. झारखंड सरकार के उद्योग विभाग के सहयोग से आयोजित इस प्रदर्शनी ने बांस, घास और संथा के बने विभिन्न उत्पाद काफी आकर्षक हैं. बांस की बने लैंप पोस्ट, डिब्बे, टोपी, संथा के तकिये, रुमाल और घास के बने विभिन्न उत्पाद की कारीगरी देखने लायक है.

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