profilePicture

बह गया मलय डैम का पानी

रांची: मरम्मत के लिए 21 लाख रुपये नहीं मिल पाने से मलय डैम का पानी बह गया. पलामू के सतबरवा व लेस्लीगंज में बने इस डैम के स्पिलवे गेट से पिछले कई माह से पानी का रिसाव हो रहा है. डैम के गेट की मरम्मत में 21 लाख रुपये की जरूरत है. पर तकनीकी स्वीकृति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2013 6:28 AM

रांची: मरम्मत के लिए 21 लाख रुपये नहीं मिल पाने से मलय डैम का पानी बह गया. पलामू के सतबरवा व लेस्लीगंज में बने इस डैम के स्पिलवे गेट से पिछले कई माह से पानी का रिसाव हो रहा है. डैम के गेट की मरम्मत में 21 लाख रुपये की जरूरत है. पर तकनीकी स्वीकृति नहीं मिलने से मरम्मत नहीं की गयी है.

सिर्फ तीन से पांच फीट ही पानी बचा : पिछले वर्ष अगस्त में मलय डैम में 20 फीट पानी था. प्रत्येक दिन डैम से छह क्यूसेक पानी का रिसाव हो रहा है. फिलहाल डैम में सिर्फ तीन से पांच फीट ही पानी बचा है. तत्कालीन विभागीय मंत्री कमलेश सिंह के कार्यकाल में 36 लाख रुपये की लागत से मलय डैम का गेट बनाया गया था, जो एक साल बाद ही खराब हो गया. वर्ष 2005 में गेट की मरम्मत करायी गयी थी.

41.59 वर्ग मील में फैला है डैम : वर्ष 1984 में बने मलय डैम से गौरा, पौंकिन, हालूमर, मानासोरी, बारीडुबा, मुरमा, सतबरवा, रबदा, छेमा, खेमी, पोची, साबर, मुक्ता, मानासोती, बारी, खामडीह, रजडेरवा, लहलहे, भोग, पोलपोल, चामा, सिंदुरिया, झाबर, सरजा, नेभी, डुबा, पोकराहा और लेस्लीगंज के 40 गांवों में सिंचाई की सुविधा दी जानी है. 41.59 वर्ग मील में फैले इस डैम से 2000 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की सुविधा दी जानी है.

42 किमीटर तक है डैम की मुख्य नहर : डैम से जुड़े मुख्य नहर की लंबाई 42.67 किलोमीटर है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार, कैनाल में 1200 से अधिक चैनल हैं. इसमें 5.486 किलोमीटर तक नहर की लाइनिंग का काम इस वर्ष किया जाना है, जिसमें 7.71 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

क्या है परेशानी : गेट का होयस्टिंग सिस्टम खराब. बियरिंग्स टूट गये, डैम के मुख्य कैनाल व उपकरणों की मरम्मत के लिए 35 लाख का प्रावधान है.

Next Article

Exit mobile version