एसबीआइ अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा आधारभूत संरचना में सुधार की जरूरत
रांची : भारतीय स्टेट बैंक की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा है कि देश में बैंकों का एनपीए (नन परफॉरमिंग एसेट ) चिंता का विषय बना हुआ है. झारखंड में एनपीए काफी ऊंचा है. इसे तब तक कम नहीं किया जा सकता है, जब तक की आधारभूत संरचना में सुधार न हो. अरुंधति भट्टाचार्य शनिवार […]
रांची : भारतीय स्टेट बैंक की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा है कि देश में बैंकों का एनपीए (नन परफॉरमिंग एसेट ) चिंता का विषय बना हुआ है. झारखंड में एनपीए काफी ऊंचा है. इसे तब तक कम नहीं किया जा सकता है, जब तक की आधारभूत संरचना में सुधार न हो.
अरुंधति भट्टाचार्य शनिवार को रांची में थी. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी मुलाकात की. सीएसआर के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालय को एंबुलेंस की चाबी प्रदान की. कचहरी स्थित एसबीआइ के क्षेत्रीय कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा : राज्य में माइनिंग सेक्टर को फिर से चालू करना होगा. मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देना होगा. बिजली में सुधार के लिए पावर प्लांट लगाने होंगे.
सबकी भागीदारी जरूरी : उन्होंने कहा : राज्य में और भी कई समस्याएं हैं. नक्सल व सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार से बात होगी. झारखंड में नक्सल क्षेत्रों में बैंकिंग की सुविधा है, लेकिन दूसरी सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं. इन क्षेत्रों की सही तरीके से उन्नति नहीं हुई है. ऐसे इलाकों को उन्नत बनाने के लिए योजना बनानी होगी. वहां की अर्थव्यवस्था सुधारनी होगी. लोगों का कौशल विकास करना होगा. कोई भी काम बैंक अकेला नहीं कर पायेगा. सरकार भी अकेली नहीं कर पायेगा. सबको भागीदारी करनी होगी. इसी संबंध में राज्य सरकार से बात करनी है.
हड़ताल न हो, इसकी कोशिश जारी
उन्होंने कहा : 25 फरवरी से प्रस्तावित हड़ताल को लेकर बातचीत जारी है. हड़ताल न हो, इसकी कोशिश की जा रही है. देश की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में नहीं है. बैंक का मुनाफा घट गया है. सारी मांग पूरी नहीं की जा सकती है, यह हड़ताली संगठनों को समझना होगा. हमें उम्मीद है कि वे इसे समझेंगे. वे भी शांतिपूर्ण तरीके से काम चाहते हैं.
लोन का समुचित उपयोग जरूरी
एक सवाल के जवाब में अरुंधति भट्टाचार्य ने बताया : एसबीआइ काफी ट्राइबल लोन देता. लोगों को लोन मिलता है, लेकिन उसका समुचित उपयोग होना भी जरूरी है. लोन के पैसे की इकोनोमिक एक्टिविटी भी होनी चाहिए. इसके लिए स्कील डेवलपमेंट की जरूरत है. पावर की भी जरूरत है. जब इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़िया बनेगा, तभी लोन का समुचित उपयोग हो सकेगा. लोन का सही इस्तेमाल न हो सके और बैंक लोन देते ही जायें, तो इससे एनपीए बढ़ेगा.
एकजुट होकर काम करना होगा
उन्होंने कहा : इकोनोमी को बढ़ावा देने के लिए सभी चीजों की जरूरत है. हमें एकजुट होकर काम करना होगा, नहीं तो कोई आगे चला जायेगा और कोई पीछे छूट जायेगा. सभी की उन्नति के लिए काम करना है. एसबीआइ ने छोटे-छोटे स्थानों पर बहुत सारे बीसी बनाये हैं. उनसे ट्रेनिंग देंगे. रिकवरी एजेंट के रूप में प्रमाणित भी करेंगे. इससे दूर दराज के क्षेत्रों में भी बैंकिंग सुविधा दी जा सकेगी.
एसबीआइ हर तरह से तैयार
उन्होंने कहा : हमारा प्रयास है कि छोटे से छोटे गांव में भी कम से कम एक बिजनेस करोसपोंडेंस हो, जो न्यूनतम बैंकिंग सुविधा दे सके. उसे मजबूत करने के लिए एसबीआइ हर तरह से तैयार है. झारखंड में छोटे-छोटे मुद्दे हैं. राज्य सरकार से मिल कर यह जानने का प्रयास करते हैं कि राज्य को क्या जरूरत है. सरकार की क्या योजनाएं हैं. उन योजनाओं में बैंक की भागीदारी कैसे बढ़ायी जा सकती है. सरकार के साथ मिल कर काम करने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री से मिलीं अरुंधति
रांची. एसबीआइ की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने शनिवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास से उनके आवास पर मुलाकात की. बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं के कौशल विकास में स्टेट बैंक प्रमुख सहयोगी बने. राज्य सरकार पिछड़े जिलों का विकास चाहती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएसआर के तहत प्राथमिकता तय करने के लिए सरकार ट्रस्ट गठित करने जा रही है. इसमें राज्य के सरकारी क्षेत्र, निजी क्षेत्र की कंपनियां, बैंक इत्यादि के प्रतिनिधि सदस्य होंगे. मुख्य सचिव नोडल पदाधिकारी होंगे. ट्रस्ट राज्य के पिछड़े जिलों में पेयजल, शौचालय, रोशनी की व्यवस्था के लिए खर्च करेगा. अरुंधति भट्टाचार्य ने इसका स्वागत किया. कहा : बैंक की ओर से इस दिशा में पहल की जायेगी. इस अवसर पर मुख्य सचिव राजीव गौबा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, एसबीआइ के मुख्य महाप्रबंधक रजनीश कुमार समेत अन्य लोग उपस्थित थे.