लाह की अच्छी पैदावार के बावजूद किसान निराश…..ओके

फोटो बुंडू . पेड़ों पर चढ़ाने से पूर्व लाह की कटिंग करता किसान .बुंडू. पंचपरगना क्षेत्र के किसानों की आमदनी का जरिया धान व लाह की खेती है. पिछले कई साल से लाह की फसल बरबाद हो जा रही थी, जिसकी वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा. बहुत से किसानों को रोजी-रोजगार की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2015 5:03 PM

फोटो बुंडू . पेड़ों पर चढ़ाने से पूर्व लाह की कटिंग करता किसान .बुंडू. पंचपरगना क्षेत्र के किसानों की आमदनी का जरिया धान व लाह की खेती है. पिछले कई साल से लाह की फसल बरबाद हो जा रही थी, जिसकी वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा. बहुत से किसानों को रोजी-रोजगार की तलाश में अन्यत्र जाना पड़ा. इस वर्ष क्षेत्र में लाह की अच्छी पैदावार हुई है. गभड़ेया गांव (बुंडू) के किसान शिवचरण मुंडा व सुशील मुंडा ने बताया कि लाह की परंपरागत खेती में लाह के कीड़े मौसम के अनुकूल नहीं रहने, फफूंद लगने तथा परभक्षियों द्वारा लाह के कीड़ों को खा जाने के कारण फसल अच्छी नहीं हो रही थी. किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए झासको ने किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उपकरण उपलब्ध कराया. समय-समय पर किसानों को कीटनाशक व फफूंद नाशकों के प्रयोग की जानकारी दी गयी.औने-पौने दाम पर लाह बेच रहे हैं : इस वर्ष लाह की अच्छी पैदवार होने बावजूद किसान निराश हैं. वे बताते हैं कि अच्छी फसल के बावजूद समुचित बाजार व्यवस्था नहीं रहने के कारण उन्हें औने-पौने दाम पर लाह बेचना पड़ रहा है. लाह की सरकारी खरीद दर 320 रुपये प्रति किलोग्राम है, लेकिन झासको लैंपस द्वारा लाह की खरीदारी नहीं की जा रही है. किसानों के अनुसार झासको लैंपस को केंद्र से राशि मिल चुकी है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा हिस्सा पूंजी नहीं दिये जाने के कारण झासको लैंपस लाह की खरीदारी नहीं कर पा रहा है. किसान स्थानीय बिचौलियों को मात्र 180 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से लाह बेचने को मजबूर हैं.

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