सीमावर्ती राज्यों को हरित नियमों में मिलेगी ढील

नयी दिल्ली. सीमावर्ती राज्यों में राजमार्ग जैसी लंबी रेखीय परियोजनाओं के निर्माण को गति देने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने इस तरह के कार्यों को हरित मंजूरी से पहले ‘सार्वजनिक सुनवाई’ का प्रावधान समाप्त कर दिया है. इसके साथ ही मंत्रालय ने नयी व विस्तारवाली सीमा राजमार्ग परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय मंजूरी प्रक्रिया के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2015 5:02 PM

नयी दिल्ली. सीमावर्ती राज्यों में राजमार्ग जैसी लंबी रेखीय परियोजनाओं के निर्माण को गति देने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने इस तरह के कार्यों को हरित मंजूरी से पहले ‘सार्वजनिक सुनवाई’ का प्रावधान समाप्त कर दिया है. इसके साथ ही मंत्रालय ने नयी व विस्तारवाली सीमा राजमार्ग परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय मंजूरी प्रक्रिया के लिए ‘प्रायोजन’ स्तर की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया है. सरकार ने पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना, 2006 में जरूरी बदलाव करते हुए इस बारे में अधिसूचना जारी की है. एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राजमार्ग व रेखीय परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय मंजूरी प्रक्रिया में कुछ बदलाव किये गये हैं, ताकि सीमावर्ती राज्यों में विकास परियोजनाओं के निर्माण को गति दी जा सके.

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