नयी दिल्ली. बीमा नियामक इरडा ने परमाणु बिजलीघरों में दुर्घटना की स्थिति में सिविल मुआवजे से निपटने के लिए 1500 करोड़ रुपये का बीमा पूल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकार (इरडा) के चेयरमैन टीएस विजयन ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हमने परमाणु जवाबदेही पूल की स्थापना को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है. परमाणु बिजलीघरों के मामले में बीमा कवर की मांग थी. इसके लिए शुरुआती राशि 1,500 करोड़ रुपये होगी.इंश्योरेंस ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम के अवसर पर उन्होंने कहा कि यह पूल भारत में ही बनाया जायेगा. इसलिए बीमा कंपनियों में हमसे अलग से पूल बनाने की अनुमति मांगी थी. हालांकि, उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों ने इस बारे में ब्यौरा नहीं पेश किया है कि धन कैसे जुटाया जायेगा. विजयन ने कहा कि जब भी यह पेश किया जायेगा, हम इस पर सकारात्मक विचार करेंगे. प्रस्तावित, कोष के लिए जीआइसी नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी. जीआइसी कीमत व अंडरराइटिंग नीति पर काम कर रही है. ग्राहकों को फर्जी फोन काल संबंधी एक सवाल पर उन्होंने कहा कि बीमा ब्रोकर व अन्य मध्यस्थों को इस पर कार्रवाई करनी होगी और जागरूकता फैलानी होगी.
परमाणु मुआवजा बीमा पूल को मिली मंजूरी
नयी दिल्ली. बीमा नियामक इरडा ने परमाणु बिजलीघरों में दुर्घटना की स्थिति में सिविल मुआवजे से निपटने के लिए 1500 करोड़ रुपये का बीमा पूल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकार (इरडा) के चेयरमैन टीएस विजयन ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हमने परमाणु जवाबदेही पूल […]
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