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ऑक्यूपेंसी नहीं, तो बोरिंग का परमिशन नहीं

नगर निगम ने 22 अपार्टमेंट में बोरिंग के आवेदन को रिजेक्ट किया रांची : राजधानी रांची में बहुमंजिली इमारतों का निर्माण करनेवाले बिल्डरों को अब हर हाल में नगर निगम से ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट लेना पड़ेगा. जिन भवनों के पास ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं होगा, उन भवनों को अवैध मानते हुए रांची नगर निगम उसमें न तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 25, 2015 5:18 AM
नगर निगम ने 22 अपार्टमेंट में बोरिंग के आवेदन को रिजेक्ट किया
रांची : राजधानी रांची में बहुमंजिली इमारतों का निर्माण करनेवाले बिल्डरों को अब हर हाल में नगर निगम से ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट लेना पड़ेगा. जिन भवनों के पास ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं होगा, उन भवनों को अवैध मानते हुए रांची नगर निगम उसमें न तो वाटर कनेक्शन देगा और न ही उसे बोरिंग कराने की अनुमति मिलेगी.
नगर निगम ने यह कदम हाइकोर्ट के उस आदेश के बाद उठाया है, जिसमें कहा गया था कि बिना ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के भवनों को मुलभूत सुविधा से वंचित रखा जाये.
रांची नगर निगम के द्वारा पिछले छह माह में 22 से अधिक अपार्टमेंट को बोरिंग का परमिशन केवल इसलिए नहीं दिया गया है कि उन भवनों का निगम के पास से नक्शा तो स्वीकृत करा लिया है, परंतु ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं लिया गया. निगम के अपर नगर आयुक्त ओमप्रकाश की मानें, तो निगम के इस कदम से बिल्डरों द्वारा किये गये अवैध निर्माण पर काफी हद तक लगाम लगेगी. प्रथम चरण में निगम यह योजना बहुमंजिली इमारतों में लागू कर रहा है, बाद में इसे आवासीय भवनों में भी लागू कराने की तैयारी है.

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