– दीपक –
रांची : राज्य में आज भी 54 फीसदी ग्रामीण आबादी खुले में शौच करने के लिए विवश हैं. 2001 और 2011 की जनगणना और सैनिटेशन कवरेज एनएसएसओ (2008-09) के अनुसार राज्य की 44.03 प्रतिशत ग्रामीण आबादी के पास शौचालय की सुविधा है. देश भर में स्वच्छता के मामले में झारखंड सबसे अंतिम पायदान पर है.
केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता विभाग के आंकड़ों को लें, तो झारखंड के गांवों में बीपीएल और एपीएल परिवारों के लिए कुल 37.29 लाख शौचालय बनाये जाने थे. इनमें से 16.01 लाख परिवारों को ही शौचालय की सुविधा सरकार की ओर से मुहैया करायी जा सकी. एपीएल परिवारों की स्थिति राज्य में काफी दयनीय है.
गांवों में 13.75 फीसदी एपीएल परिवार के पास ही शौचालय की सुविधा है, जबकि सरकार की नजर में एपीएल परिवारों की कुल संख्या 14.02 लाख है. बीपीएल परिवारों में 60 फीसदी परिवारों के पास शौचालय की सुविधा है.