1778.23 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश

रांची: बजट सत्र के पहले दिन चालू वित्तीय वर्ष (2014-15) के लिए 1778.23 करोड़ रुपये का तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया गया. सरकार की ओर से पेश किये गये अनुपूरक में 192.95 करोड़ रुपये का प्रावधान गैर योजना और 1585.29 करोड़ का प्रावधान योजना मद के लिए किया गया है. तृतीय अनुपूरक में 400 करोड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2015 6:50 AM
रांची: बजट सत्र के पहले दिन चालू वित्तीय वर्ष (2014-15) के लिए 1778.23 करोड़ रुपये का तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया गया. सरकार की ओर से पेश किये गये अनुपूरक में 192.95 करोड़ रुपये का प्रावधान गैर योजना और 1585.29 करोड़ का प्रावधान योजना मद के लिए किया गया है.
तृतीय अनुपूरक में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान राज्य में निर्माणाधीन नयी रेल परियोजनाओं में राज्यांश के भुगतान के लिए किया गया है. अनुपूरक के माध्यम से सबसे अधिक धन इसी काम के लिए किया गया है. मनरेगा में रिवालविंग फंड के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा सर्व शिक्षा अभियान, शहरी जलापूर्ति, औद्योगिक नीति के औद्योगिक इकाइयों को अनुदान देने के लिए भी राशि का प्रावधान किया गया है. दो मार्च को अनुपूरक पर चर्चा होगी.
जोड़-घटाव भी भूल गये अधिकारी : प्रदीप
झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार हड़बड़ी में काम कर रही है. अनुपूरक बजट में 1778 करोड़ की जगह 17882 करोड़ लिखा गया है. सरकार के प्रशासनिक अधिकारी हड़बड़ी में है. दो दिनों के बाद जब मूल बजट है, तो फिर अफरा-तफरी में अनुपूरक लाने का कोई औचित्य नहीं है.
वित्तीय अनुशासन का पालन होगा : सरयू
संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने कहा कि पिछले वर्षो में राज्य में वित्तीय अनुशासन नहीं रहा है. बजट मैन्यूअल के अनुसार काम होना चाहिए. सरकार ने पदाधिकारियों को वित्तीय अनुशासन का पालन करने का निर्देश दिया है. श्री राय ने कहा कि ऐसा नहीं है कि अनुपूरक बजट का औचित्य नहीं है. सरकार को जब आवश्यक खर्च या फिर ऐसा व्यय, जिसका उल्लेख बजट में नहीं करना पड़ता है, ऐसे में सरकार आकस्मिकता निधि से पैसा लेती है. अनुपूरक से कोई नयी योजना शुरू हो, तो आपत्ति हो सकती है. अनुपूरक के व्यय विवरण पर सवाल उठाया जा सकता है, लेकिन इसके औचित्य पर सवाल नहीं उठाया जा सकता.

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