सड़ रहा पैर, खून नहीं मिला तो…

जिंदगी और मौत के बीच अटकी नन्हीं जान, बेबस मां ने की लोगों से मदद की अपील रांची : विशुनपुर, गुमला की 10 साल की अमृता उर्फ रीता की तबीयत दिनों–दिन खराब होती जा रही है. रिम्स के हड्डी विभाग में डॉ एलबी मांझी की यूनिट में भरती अमृता पल–पल मर रही है. चिकित्सकों ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2013 4:02 AM

जिंदगी और मौत के बीच अटकी नन्हीं जान, बेबस मां ने की लोगों से मदद की अपील

रांची : विशुनपुर, गुमला की 10 साल की अमृता उर्फ रीता की तबीयत दिनोंदिन खराब होती जा रही है. रिम्स के हड्डी विभाग में डॉ एलबी मांझी की यूनिट में भरती अमृता पलपल मर रही है.

चिकित्सकों ने अमृता की मां से कहा था कि बुधवार को उसका ऑपरेशन कर चोटिल पैर काटा जायेगा, ताकि उसकी जान बच सके, पर बुधवार को चार यूनिट ब्लड नहीं मिलने से ऑपरेशन नहीं हो सका.

प्रभात खबर में कुछ दिन इस लड़की की खबर छपने के बाद झारखंड विधानसभा के कुछ कर्मी मदद के लिए भी आये थे. उनका कहना है कि रिम्स प्रबंधन इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है. बच्ची को ग्रुप प्रोजिटिव ब्लड की जल्द से जल्द जरूरत है.

पैर से आने लगी है बदबू

गुमला में रथ मेला के दिन घर लौटने के क्रम में एक गाड़ी ने अमृता का पैर पूरी तरह कुचल दिया था. यह जख्म धीरेधीरे नासूर बन गया है. एक पैर पूरी तरह सड़ चुका है. उससे दरुगध आने लगी है. रिम्स में भरती अमृता की मां बुधमनिया देवी को कुछ समझ नहीं रहा है कि वह क्या करें. पैसे की तंगी ने उसकी मुसीबत और बढ़ा दी है.

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