मामला चतरा के पत्थलगढ़ा में बंध्याकरण का, अभी तक ब्लैक लिस्टेड नहीं हुआ सूर्या क्लिनिक
रांची: घोषणा करने के बाद भी सरकार अब तक सूर्या क्लिनिक को काली सूची में नहीं डाल सकी है. दो माह से इसकी प्रक्रिया ही चल रही है. एक वरीय अधिकारी के अनुसार ब्लैक लिस्टेड करने के लिए विभाग में कोई पॉलिसी ही नहीं है. गौरतलब है कि सूर्या क्लिनिक पर टॉर्च की रोशनी में […]
दरअसल इस क्लिनिक के साथ सरकार का एमओयू भी 30 दिसंबर 2014 को ही समाप्त हो गया था. इसके बाद भी क्लिनिक ने अपने चिकित्सक डॉ सुबोध कुमार के नेतृत्व में नौ जनवरी को ऑपरेशन को अंजाम दिया था. टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन की खबर मीडिया में आने के बाद सिविल सजर्न चतरा, डॉ सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने सूर्या क्लिनिक सहित चिकित्सा प्रभारी पीएचसी, पत्थलगढ़ा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
प्रभारी पर यह आरोप था कि उन्होंने क्लिनिक पर पूरी तरह निर्भर होकर ऑपरेशन किया, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों की सेवा इस ऑपरेशन के लिए नहीं ली गयी. प्रभारी चिकित्सक ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया था, पर उनका जवाब असंतोषजनक पाया गया था. इधर उपायुक्त की जांच के बाद प्रभारी चिकित्सक के खिलाफ तो प्रपत्र-क गठित कर दिया, पर निजी क्लिनिक के मामले में असमंजस बना है. गौरतलब है कि क्लिनिक ने कारण बताओ नोटिस का जवाब भी नहीं दिया था.