रांची की महिला को स्वाइन फ्लू

रांची: राजधानी रांची में स्वाइन फ्लू के मरीज की पहचान की गयी है. रांची इटकी की रहनेवाली 36 वर्षीय शिवानी (बदला हुआ नाम) को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हुई है. मरीज को फ्लू की शिकायत के बाद एक निजी अस्पताल में भरती किया गया है. उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. महिला का इलाज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 3, 2015 12:49 AM
रांची: राजधानी रांची में स्वाइन फ्लू के मरीज की पहचान की गयी है. रांची इटकी की रहनेवाली 36 वर्षीय शिवानी (बदला हुआ नाम) को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हुई है. मरीज को फ्लू की शिकायत के बाद एक निजी अस्पताल में भरती किया गया है. उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. महिला का इलाज डॉ एमके बदानी की देखरेख में चल रहा है.
तीन दिन पहले मरीज का ब्लड सैंपल जांच के लिए एसआरएल रेनबैक्सी, मुंबई भेजा गया था. जिसमें स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई. अब अस्पताल से महिला को रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में रेफर करने की तैयारी की जा रही है. परिजन रिम्स में मरीज को शिफ्ट करने में जुट गये है.
संदिग्ध मरीज का सैंपल कोलकाता भेजा गया
रिम्स में रविवार की रात को भरती संदिग्ध स्वाइन फ्लू के मरीज का ब्लड सैंपल जांच के लिए कोलकाता भेजा गया है. मरीज राजस्थान से आया है एवं उसे फ्लू की शिकायत है, इसी के मद्देनजर उसकी जांच करायी जा रही है. मरीज को रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में भरती किया गया है. उसका इलाज शुरू कर दिया गया है, लेकिन रिपोर्ट आने के बाद ही उसको स्वाइन फ्लू की दवा दी जायेगी.
झारखंड पहुंची स्वाइन फ्लू की दवा
रांची. देश में स्वाइन फ्लू के विकराल होते रूप एवं झारखंड में मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू की दवा मंगा ली है. सोमवार को स्वाइन फ्लू की दवा हैदराबाद से रांची पहुंच गयी. स्वाइन फ्लू के 15000 टेबलेट मंगाये गये हैं, जिसमें 30 मिली ग्राम के 5000 टैबलेट, 75 मिली ग्राम के 10,000 टैबलेट एवं 300 सिरप मंगाये गये हैं. इसे सिविल सजर्न के माध्यम से रांची के विभिन्न जिलों में भेजा जायेगा. राज्य के सबसे बड़े संस्थान रिम्स में दवा भेज दी गयी है. रिम्स में 30 मिली ग्राम के 500 टेबलेट, 75 मिली ग्राम के 1000 टेबलेट एवं 30 सिरप भेजे गये हैं. इसके बाद राज्य के अन्य जिलों एवं मेडिकल कॉलेज में दवाएं भेजी जायेंगी. राज्य में स्वाइन के लिए राज्य स्तरीय अलर्ट जारी किया गया है. स्टेट सर्विलांस अधिकारी डॉ रमेश प्रसाद ने बताया कि जिलों में दवा भेजने के बाद स्वाइन फ्लू की कुछ दवाएं रिजर्व रखी जायेंगी, जिससे आपात स्थिति में स्वाइन फ्लू की दवाएं उपलब्ध करायी जा सकें.
22 सदर अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड : स्वाइन फ्लू से निबटने के लिए राज्य के 22 सदर अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बना है. रिम्स सहित राज्य के तीनों मेडिकल कॉलेज में भी आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है.
क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू एनफ्लूएंजा ए एच वन एन वन वायरस से होता है. जानकारों की मानें, तो यह वायरस पहले सूअर से मानव में आया, लेकिन अब यह लोगों में सामान्य वायरस की तरह फैल गया है. जब भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, यह वायरस तेजी से अपनी चपेट में ले लेता है. पहले मरीज को सामान्य फ्लू होता है, जो बाद में एडवांस रूप ले लेता है. अगर समय रहते इलाज शुरू कर लिया जाये, तो मरीज को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है.
मरीज खांसी एवं सांस लेने की समस्या लेकर अस्पताल में भरती हुई थी, मुङो पहले दिन से स्वाइन फ्लू का शक हुआ था. इसलिए जांच के लिए ब्लड सैंपल मुंबई भेजा गया था. रिपोर्ट पॉजीटिव आयी है.
डॉ एमके बदानी, फिजिशियन
मरीज अगर डाइगAोस्ट है तो भी उसे रिम्स के ओपीडी एवं इमरजेंसी के तहत भरती होना होगा. इसके बाद उसे रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में भरती कर इलाज किया जायेगा. हमारे यहां भरती होने के बाद भी स्वाइन फ्लू की जांच की जायेगी.
डॉ एनपी साहू, विभागाध्यक्ष माइक्रो बॉयो
वायरस बदलता है चरित्र
हर साल फ्लू का वायरस अपना चरित्र बदल लेता है. चिकित्सक डॉ डीके झा ने बताया कि हर साल फ्लू का चरित्र 10 प्रतिशत बदल जाता है. सामान्य भाषा में जिस तरह मोबाइल में 10 डिजिट होते हैं, उसमें अगर एक डिजिट बदल जाता है, उसे ड्रिफ्ट कहते हैं. अगर चार से पांच डिजिट बदल जाये, तो उसे शिफ्ट कहते हैं. शिफ्ट ज्यादा खतरनाक होता है. वर्तमान में स्वाइन फ्लू का यह ड्रिफ्ट वायरस है, जो ज्यादा खतरनाक नहीं है.
कोलकाता, दिल्ली, पुणो में जांच : यहां जांच की राज्य में व्यवस्था नहीं है. जांच एनआइबी पुणो, एमसीडीसी नयी दिल्ली एवं एनआइसीइटी कोलकाता में कराया जाता है

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