सांसद बनेंगे निगरानी समिति के सह अध्यक्ष
सरकार कर रही विचारएजेंसियां, नयी दिल्लीअधिक जवाबदेही तय करने के मकसद से सरकार ग्रामीण इलाकों की तर्ज पर शहरी इलाकों में भी परियोजना निगरानी समितियों में सांसदों को सह अध्यक्ष बनाने पर ‘सकारात्मक रूप से विचार’ कर रही है. शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि 31 मार्च, […]
सरकार कर रही विचारएजेंसियां, नयी दिल्लीअधिक जवाबदेही तय करने के मकसद से सरकार ग्रामीण इलाकों की तर्ज पर शहरी इलाकों में भी परियोजना निगरानी समितियों में सांसदों को सह अध्यक्ष बनाने पर ‘सकारात्मक रूप से विचार’ कर रही है. शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि 31 मार्च, 2014 को जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) की समाप्ति के बाद अधूरी परियोजनाओं को देखने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर छोड़ी गयी थी.तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने हालांकि यह आरोप भी लगाया कि जेएनएनयूआरएम के तहत चल रही परियोजनाओं को सरकार ने बीच में छोड़ दिया है. अब उनके लिए केंद्र की ओर से धन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा. नाराजगी भरे लहजे में कहा कि केंद्र सरकार चाहे, तो इसे जेएनएनयूआरएम के स्थान पर दीनदयाल उपाध्याय नाम से किसी नयी योजना के तहत आगे बढ़ा सकती है, लेकिन परियोजनाओं पर काम तो पूरा होना चाहिए.इधर, नायडू ने कहा कि वह नहीं कह रहे हैं कि जेएनएनयूआरएम के तहत काम नहीं हुआ है, लेकिन इसमें कुछ कमियां थीं, जिनसे सबक लेकर सरकार आगे बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 100 स्मार्ट शहरों और नये शहरी विकास मिशन के तहत राज्य सरकारों और विभिन्न पक्षों के साथ गहन विचार-विमर्श किया गया है. यह योजना अब डिजाइन के अंतिम चरण में है. इसे जल्द ही शुरू किया जायेगा.