गायें फाग आज सब हिल मिल

प्रेम पगे, रंग लगे, भीगे अंग अंगमन का उल्लास जगे, खेलें सब रंगपीला रंग सरसों से ले करटेसू से ले लालहरियाली पत्तों से लेकरमैंने रचा गुलालकुदरत के रंगों में खो जाना रह तू बेरंगप्रेम पगे, रंग लगे, भीगे अंग-अंगगुझिया की है गमक बिखरतीहर घर, हर आंगनबांटो खुशियां मिल-जुल कर सबदुखे न कोई मनगायें फाग आज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2015 8:03 PM

प्रेम पगे, रंग लगे, भीगे अंग अंगमन का उल्लास जगे, खेलें सब रंगपीला रंग सरसों से ले करटेसू से ले लालहरियाली पत्तों से लेकरमैंने रचा गुलालकुदरत के रंगों में खो जाना रह तू बेरंगप्रेम पगे, रंग लगे, भीगे अंग-अंगगुझिया की है गमक बिखरतीहर घर, हर आंगनबांटो खुशियां मिल-जुल कर सबदुखे न कोई मनगायें फाग आज सब हिल मिलथिरके खा के भंगप्रेम पगे, रंग, भीगे अंग अंग- अनुराग तिवारी

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