रांची, आदित्य कुमार : झारखंड में शिक्षकों की कमी अब दूर हो गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक साथ 3469 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र खेलगांव स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में सौंपा. नियुक्ति पत्र पाने के बाद अभ्यर्थियों के चेहरे खुशी से खिल उठे. नवनियुक्त शिक्षक क्षेत्र के स्कूली बच्चों को उनके क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई भी कराएंगे. सभी शिक्षकों को राज्य के सभी स्कूलों में नियुक्त कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने सांकेतिक तौर पर 24 नवनियुक्त शिक्षकों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र सौंपा. इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कैसे और बेहतर करे, इसपर लगातार काम कर रही है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कई आम ऐसे होते हैं जो काफी महत्व के होते हैं. शिक्षक भगवान की भूमिका में होते हैं. बच्चों के भविष्य को बेहतर करने का काम करते हैं. कहा कि अलग राज्य की स्थापना के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी गई. यहां के आदिवासी-मूलवासी ने एक सपना देखा था जो अब पूरा हो रहा है. राज्य गठन के 23 वर्षों बाद भी झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य है.
उन्होंने कहा कि यह राज्य खनिज संपदा से भरपूर है. यहां के खनिज से देश रोशन हो रहा है. बड़ी-बड़ी कंपनियां संचालित हो रही है, लेकिन यह राज्य पिछड़ा है. झारखंड को मजदूरों का राज्य भी कहा जाता है, लेकिन अब दिन बदल रहे हैं. हम आर्थिक और सामाजिक रूप से विकसित करने का काम कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही हमारी सरकार बनी दो साल हम कोरोना की चपेट में आ गये. दो साल लोगों को बचाने में लगे रहे. इसके बाद थोड़ा कुछ काम शुरू हुआ ही था कि ED और CBI की एंट्री हो गई. देश में क्या चल रहा है सभी को मालूम है. इसके बावजूद हम राज्यवासियों की सेवा में लगे हैं.
उन्होंने कहा कि इससे पहले जब जेपीएससी पास अभ्यर्थियों को नियुक्त पत्र दिया गया. उस समय ऐसे लोग बीडीओ, सीओ और कलेक्टर बने. कहा कि जिनके घर बीपीएल के जरिए चूल्हा चलता था, अब उस परिवार के बच्चे अधिकारी बनकर क्षेत्र के गरीब लोगों की सेवा कर रहे हैं. कहा कि सिर्फ सरकारी नहीं, बल्कि निजी क्षेत्र में भी सरकार अब लोगों को नौकरी लगा रही है. नौकरी लगने के बाद उनका पूरा डाटा सरकार के पास उपलब्ध है.
मुख्यमंत्री ने सभी असिस्टेंट इंजीनियर्स को आश्वस्त किया कि शनिवार 20 मई, 2023 से उनकी पोस्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उनका इंतजार अब खत्म हो गया है. कहा कि झारखंड के बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ टेक्नोलॉजी के बारे में भी जानेंगे. उन्हें देश-दुनिया में क्या हो रहा है उसके बारे में जानकारी जरूरी है. आने वाले दिनों में झारखंड की शिक्षा व्यवस्था देश के सबसे अव्वल स्थान पर लाने का काम करेंगे.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से पहले स्कूल में दो कमरे होते थे. उस दो कमरे में सभी विषयों को एक या दो शिक्षक ही पढ़ाते थे. ऐसी शिक्षा व्यवस्था की वजह से राज्य पिछड़ेपन का शिकार है. लेकिन, अब राज्य की शिक्षा व्यवस्था में नये आयाम जुड़ रहे हैं. इसी कड़ी में पहले चरण में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों की शुरुआत की गई. जल्द ही राज्य में 5000 उत्कृष्ट विद्यालयों में बच्चे पढ़ेंगे. सभी स्कूलों को उत्कृष्ट बनाने का काम किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पैसे के अभाव में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा. चाहे उसे बाहर निजी संस्थानों में शिक्षा हासिल करने की जरूरत होगी, तो उसे भी पूरा करने का काम सरकार कर रही है. झारखंड के बच्चों को विदेश में पढ़ने के लिए पूरा खर्च सरकार उठा रही है.
ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम ने सभी नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षक की भूमिका समाज में अहम होती है. हेमंत सरकार के कार्यकाल में ऐतिहासिक कार्य किया जा रहा है. माता-पिता के बाद अगर किसी को सबसे ऊपर दर्जा दिया जाता है, तो वह शिक्षक है. हमारी सरकार लगातार सभी नियुक्ति को पूरी करने में लगी है. यह सिलसिला अब रुकने वाला नहीं है. झारखंड की तरक्की के लिए हेमंत सरकार काम कर रही है. अन्य अभ्यर्थियों को भी जल्द नियुक्ति पत्र मिलेंगे.
श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि आज का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है. एक साथ 3469 लोगों को नियुक्ति दिया गया. हमारी सरकार राज्य में आने वाले दिनों में बंपर नियुक्ति संबंधी विज्ञापन निकालने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जीवन जीने के लिए कुछ खास चाहिए. रोजगार के लिए हेमंत सोरेन पर विश्वास होना चाहिए. हमारी सरकार गरीब और लाचार लोगों के लिए काम कर रही है. आने वाले दिनों में झारखंड की तस्वीर बदल जाएगी.
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने शिक्षकों को कहा कि आप बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि बेहतर समाज के बारे में भी शिक्षा दें. जब बच्चे स्कूल से निकले, तो आपकी चर्चा पूरे राज्य में हो कि कोई ऐसा शिक्षक है जिसने बच्चों के भविष्य बेहतर बनाने का काम किया है.
शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने कहा कि जल्द ही दूसरे पेज के लिए नियुक्ति का काम शुरू कर दिया है. अभी पहले फेज में 3469 शिक्षकों को नियुक्ति दी जा रही है. आपसे उम्मीद रहेगी कि जब आप स्कूल जाएं, तो इन बच्चों को भी अपने बच्चों के जैसे ही पढ़ाएं. कहा कि आप एक शिक्षक नहीं, बल्कि अभिभावक बनकर स्कूल में जाएं और शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग जगाएं.
विषयवार शिक्षकों की जरूरतों को देखते हुए सरकार ने विभिन्न जिलों में पदस्थापित किया है.
विषय : शिक्षकों की संख्या
इतिहास और नागरिक शास्त्र : 779
संस्कृत : 398
भूगोल : 341
हिन्दी : 337
अर्थशास्त्र : 260
गणित एवं भौतिकी : 268
अंग्रेजी : 249
जीव एवं रसायन विज्ञान : 232
शारीरिक शिक्षा : 184
वाणिज्य : 118
संगीत : 97
उर्दू : 27
गृह विज्ञान : 50
संताली : 42
बांग्ला : 29
कुड़ुख : 28
नागपुरी : 11
मुंडारी : 11
कुरमाली : 04
उड़िया : 02
पंचपरगनिया : 01
हो : 01
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना डाडेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, जेईपीसी की स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर किरण कुमारी पासी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार और झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार महतो समेत कई अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.